देहरादून: लेक्चरर बनने का सपना देखने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब प्रदेश में अधिकतम 42 आयु वर्ग के युवा भी लेक्चरर बन सकेंगे। सरकार ने लोक सेवा आयोग के जरिए होने वाली लेक्चरर भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा बढ़ा दी है। पहले आयु सीमा 35 साल थी, जिसे बढ़ाकर 42 साल कर दिया गया है। एक और राहत वाली खबर है। अब लेक्चरर की भर्ती के वक्त अभ्यर्थियों को इंटरव्यू प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। सरकार ने लोक सेवा आयोग के माध्यम से होने वाली प्रवक्ताओं की भर्ती में इंटरव्यू खत्म कर दिया है। मंगलवार को शासन ने उत्तराखंड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) संशोधित सेवा नियमावली जारी कर दी। नई नियमावली की खास बातें तो आपने जान ही लीं। इसके अलावा अब प्रदेश में वो अभ्यर्थी भी प्रवक्ता बनने के लिए मान्य होंगे, जिन्होंने देश किसी भी विश्वविद्यालय से संस्कृत विषय के साथ स्नातक या शास्त्री की उपाधि ली हो।
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पुरानी नियमावली में बदलाव क्यों करने पड़े, आपको ये भी जानना चाहिए। शिक्षा विभाग में प्रवक्ताओं की भर्ती लोक सेवा आयोग के माध्यम से की जाती है। जिसमें लिखित परीक्षा होती है, जो पास होते हैं उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था। इंटरव्यू के बाद लास्ट सेलेक्शन होता था। हाल ही में इंटरव्यू के बाद जिन अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, उन्हें लेकर दूसरे अभ्यर्थी बवाल काटे हुए थे। अभ्यर्थियों ने कहा कि लिखित परीक्षा में उनके अच्छे नंबर आए थे, इस के बावजूद उन्हें इंटरव्यू में जानबूझकर कम नंबर देकर बाहर कर दिया गया। अभ्यर्थियों के विरोध के बाद नियमावली में संशोधन किया गया है। अब अभ्यर्थियों को लेक्चरर बनने के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। हिंदी प्रवक्ता के लिए संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से शास्त्री की परीक्षा के प्रमाण पत्र की अनिवार्यता भी खत्म हो गई है।