उत्तराखंड चमोलीlake built on the Dhauli Ganga river in Chamoli

चमोली जिले के लिए खतरे का संकेत! जोशीमठ से आगे नदी में बन रही है झील

बीते फरवरी में चमोली के रैणी गांव में आपदा से कैसी तबाही मची थी, ये हम सबने देखा। अब एक चिंता बढ़ाने वाली खबर Chamoli Dhauli Ganga River Lake से आई है।

Chamoli Dhauli Ganga River Lake: lake built on the Dhauli Ganga river in Chamoli
Image: lake built on the Dhauli Ganga river in Chamoli (Source: Social Media)

चमोली: प्राकृतिक आपदा के लिहाज से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील राज्य है। इन दिनों पहाड़ में सिर्फ भूस्खलन की घटनाएं ही नहीं बढ़ रहीं, बल्कि ग्लेशियर में झीलों के बनने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। बीते फरवरी में चमोली के रैणी गांव में आपदा से कैसी तबाही मची थी, ये हम सबने देखा। अब एक चिंता बढ़ाने वाली खबर नीती-मलारी सीमा से आई है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक जोशीमठ से करीब 80 किलोमीटर आगे और नीती गांव से डेढ़ किलोमीटर पहले धौली नदी पर Chamoli Dhauli Ganga River Lake बनने की खबर है। जिससे स्थानीय लोग डरे हुए हैं। झील क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर लौटे हिमालयी पारिस्थितिकी के जानकार अतुल सती ने बताया कि यह झील लगभग 20 से 30 मीटर लंबी व 15 से 20 मीटर चौड़ी है। उच्च हिमालय क्षेत्र में इस तरह की झील का बनना कोई खास अचरज की बात नहीं है, लेकिन यह झील नदी के बहाव के विपरीत बनी है। आगे पढ़िए
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  • Chamoli Dhauli Ganga River Lake

    lake built on the Dhauli Ganga river in Chamoli
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    अगर झील बड़ा रूप लेती है तो इसके टूटने पर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। झील बनने के पीछे जो वजह बताई जा रही है, वो इंसानों की लापरवाही का बड़ा उदाहरण है। दरअसल इस क्षेत्र में सड़क निर्माण का मलबा निर्धारित डंपिंग जोन में डाले जाने के बजाय सीधे धौली गंगा नदी के हवाले किया जा रहा है। नदी के रास्ते में जगह-जगह बड़े-बड़े बोल्डरों व मलबे का ढेर लगा है, जो कि नदी के बहाव को रोक रहा है।

  • Chamoli Dhauli Ganga River Lake

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    थोड़ी सी बरसात होते ही ये झील क्षेत्र में बड़ी तबाही ला सकती है। अच्छी बात ये है कि मामले का संज्ञान लेते हुए इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी गई है। नन्दादेवी बायोस्फीयर के प्रभागीय वनाधिकारी एनबी शर्मा ने बताया कि सड़क निर्माण का मलबा नदी में डाले जाने पर एक बार फिर से संबंधित विभाग को नोटिस भेजा गया है। इसके अलावा सड़क निर्माण एजेंसी पर ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।