उत्तराखंड देहरादूनIndian army soldier reached Pakistan by slipping in snow

गढ़वाल राइफल के राजेन्द्र नेगी की विंग कमांडर अभिनंदन जैसी होगी वतन वापसी? परिवार की सरकार से आस

जवान राजेंद्र सिंह के परिजनों ने सरकार से मामले में दखल देने की मांग की, ताकि जवान की सकुशल वापसी सुनिश्चित की जा सके...

जवान राजेंद्र सिंह नेगी: Indian army soldier reached Pakistan by slipping in snow
Image: Indian army soldier reached Pakistan by slipping in snow (Source: Social Media)

देहरादून: 27 फरवरी 2019....ये दिन हर हिंदुस्तानी को याद है। एक साल पहले इसी दिन वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान को पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था। जिस वक्त ये हुआ उस वक्त अभिनंदन का मिग-21 बाइसन, पाकिस्तानी जेट विमानों के साथ मुकाबला कर रहा था। इसी दौरान मिग विमान क्रैश होकर पाकिस्तानी सीमा में गिर गया, जिसमें अभिनंदन की जान तो बच गई, पर वो पाकिस्तानी सेना के हाथ पड़ गए। इस एक घटना ने पूरे देश को एकजुट कर दिया था। भारत ने विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के लिए पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाया, जिसका असर भी दिखा और एक मार्च को विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की वतन वापसी हो गई। विंग कमांडर अभिनंदन की रिहाई के लिए भारत सरकार ने पाकिस्तान पर जैसा दबाव बनाया था, वैसा करने की जरूरत एक बार फिर महसूस की जा रही है। उत्तराखंड का एक लाल बर्फ में फिसल कर पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हो गया है। तब से जवान का कुछ पता नहीं। परिवार वाले चाहते हैं जवान राजेंद्र सिंह नेगी की रिहाई के लिए भारत सरकार पाकिस्तान पर वैसा ही कूटनीतिक दबाव बनाये, जैसे विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के बंदी होने के वक्त बनाया था।

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भारतीय सेना के इस जवान का नाम राजेंद्र सिंह नेगी है। उनका परिवार देहरादून के अंबीवाला सैनिक कॉलोनी में रहता है। बीते 8 जनवरी से राजेंद्र सिंह नेगी मिसिंग है। गढ़वाल राइफल्स में तैनात राजेंद्र सिंह की ड्यूटी इस वक्त कश्मीर के गुलमर्ग में थी। 8 जनवरी को राजेंद्र की पत्नी राजेश्वरी के पास एक फोन आया। यूनिट के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि हवलदार राजेंद्र सिंह मिसिंग हैं। वो बर्फ में फिसलते हुए गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए हैं। ये खबर मिलने के बाद से राजेंद्र सिंह के परिवार में कोहराम मचा है। पत्नी और बच्चों के आंसू थम नहीं रहे। परिजनों ने पिछले कई दिनों से खाना भी नहीं खाया। जिस परिवार का बेटा दुश्मन देश की गिरफ्त में हो, उसकी क्या हालत हो रही होगी। आप और हम इसका अंदाजा भी नहीं लगा सकते। परिवार वाले चाहते हैं कि भारत सरकार राजेंद्र सिंह नेगी की रिहाई के लिए पाकिस्तान पर वैसा ही दबाव बनाये, जैसा विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के वक्त बनाया था। सेना के अधिकारी कह रहे हैं कि वो राजेंद्र सिंह नेगी का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, पर फिलहाल उनका सुराग नहीं लग पाया है। इंतजार की ये घड़ियां परिवार के दुख को और बढ़ा रही है।

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जवान राजेंद्र सिंह के परिजनों को अब सिर्फ भारत सरकार से ही उम्मीद है। उन्होंने सरकार से मामले में दखल देने की मांग की, ताकि राजेंद्र सिंह की सकुशल वापसी सुनिश्चित की जा सके। परिजनों ने बताया कि राजेंद्र बीते अक्टूबर में एक महीने की छुट्टी लेकर घर आये थे। नवंबर में उन्होंने दोबारा ड्यूटी ज्वाईन की, पर 8 जनवरी को उन्हें राजेंद्र के लापता होने की मनहूस खबर मिली। जब से राजेंद्र गायब हुए हैं, तब से उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। फोन की हर घंटी उन्हें डरा देती है। बच्चे भी बिलख रहे हैं। राजेंद्र के भाई कुंदन सिंह ने कहा कि उनका परिवार मुश्किल दौर से गुजर रहा है। भारत सरकार को उनके भाई की सकुशल रिहाई के लिए पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाना चाहिए।