देहरादून: उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा के मामले में बेहद संवेदनशील प्रदेश है। यूं तो यहां आपदा प्रबंधन के लिए विशेष ट्रेनिंग सत्र चलते ही रहते हैं, लेकिन सूबे के एक आईपीएस अफसर ऐसे भी हैं, जो कि आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए खुद एवरेस्ट तक जा पहुंचे। ये अफसर हैं आईजी राज्य आपदा मोचन बल संजय गुंज्याल, जो कि हाल ही में एवरेस्ट फतह कर लौटे हैं। आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि एवरेस्ट अभियान के दौरान उन्होंने प्रकृति से तारतम्य बैठाने का गुर सिखा। इस अभियान के तहत उन्हें न केवल प्रकृति के करीब आने का मौका मिला, बल्कि अभियान से मिले अनुभवों का फायदा उन्हें पिछले कुछ महीनों में प्रदेश में हुए सर्च ऑपरेशंस में भी मिला है। आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि हर पुलिस अधिकारी को कम से कम एक बार पर्वतारोहण जरूर करना चाहिए।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढें - देहरादून मेंं दारूबाज़ सावधान हो जाएं, नशे में सड़क पर मिले तो ऐसे निपटेगी पुलिस
गुंज्याल के मुताबिक पर्वतारोहण एक ऐसा जरिया है जिससे हम खुद को ना केवल प्रकृति के करीब महसूस करते हैं, बल्कि विषम परिस्थितियों में काम करने वाले कर्मचारियों की मजबूरियों को भी समझते हैं। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ के तहत पर्वतारोहण अभियान का ये सिलसिला जारी रहेगा। साल 2020 में महिला पर्वतारोहियों की टीम को एवरेस्ट भेजने की भी तैयारी है। उन्होंने कहा कि पहाड़ में प्राकृतिक आपदा की घटनाएं लगातार होती रहती हैं, ऐसे में हमें ऐसी प्रोफेशनल टीम की जरुरत है, जो आपदा के समय जल्द से जल्द रेस्पांस कर सके। पहाड़ी इलाकों में चलने वाले सर्च ऑपरेशंस के लिए स्पेशल ट्रेनिंग और अनुभव जरूरी है। आईजी संजय गुंज्याल के नेतृत्व में एवरेस्ट अभियान पर गए दल में 15 लोग शामिल थे।