देहरादून: टिहरी झील उत्तराखंड के पर्यटन का आधार है। हर साल लाखों पर्यटक टिहरी झील के आकर्षण में बंधे उत्तराखंड खिंचे चले आते हैं। झील से पर्यटन को बढ़ावा तो मिला है, पर इन दिनों झील के किनारे रहने वाले लोग डरे हुए हैं। इस डर की वजह है टिहरी झील का लगातार बढ़ता जलस्तर। पहाड़ों में बारिश थम गई है, लेकिन टिहरी झील का जलस्तर अब भी कम नहीं हुआ है। झील में पानी बढ़ने से आस-पास के गांवों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है। कई लोगों के घरों में दरारें पड़ गई हैं, डरे हुए लोगों ने इस बारे में शासन-प्रशासन से शिकायत भी की है, लेकिन समस्या पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। टिहरी डैम के किनारे रहने वाले लोग डर के साये में जी रहे हैं। लोगों ने कहा कि डैम निर्माण के वक्त सरकार ने उन्हें झील के पास अलग-अलग जगहों पर विस्थापित किया था, लेकिन अब उनके आशियानों पर एक बार फिर डूबने का खतरा मंडरा रहा है।
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झील का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। आस-पास रहने वाले लोगों के घरों में दरारें पड़ने लगी हैं। हालात कितने बद्तर हो चुके हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि डरे हुए लोग खुले में रह रहे हैं। कई परिवार खुले आसमान तले रात बिताने को मजबूर हैं। जब भी टिहरी का जलस्तर आरएल 820 मीटर से ऊपर बढ़ता है, गांव के नीचे पानी जमा हो जाता है। इन दिनों ऐसा ही हो रहा है, झील का जलस्तर बढ़ा हुआ है। मवेशियों की जान खतरे में है। घरों में दरारें पड़ गई हैं। लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही। कई बार शिकायत करने के बाद भी उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, ऐसा ही चलता रहा तो वो आंदोलन करने को मजबूर होंगे।