पौड़ी गढ़वाल: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना के तहत सौड़ क्षेत्र में टनल निर्माण कार्य के दौरान की गई ब्लास्टिंग के चलते गांव के कई घरों में दरारें आ गई हैं। ग्रामीणों ने जल्द उचित मुआवजा देने की मांग उठाई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस नुकसान के पलिए रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा मुआवजा प्रदान किया जाना प्रस्तावित था, लेकिन आज तक ग्रामीणों को उचित मुआवजा नहीं मिला है।
Tunnel blasting caused cracks in many houses
गुरुवार को ग्रामीणों के एक प्रतिनिधिमंडल ने एडीएम से मुलाकात कर जल्द उचित मुआवजा देने की मांग उठाई है। ग्रामीणो ने चेतावनी दी कि यदि 30 अप्रैल तक प्रभावित घरों का दोबारा निष्पक्ष एवं विस्तृत सर्वे नहीं करवाया गया तो वो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें उनके वास्तविक नुकसान के अनुपात में उचित मुआवजा नहीं दिया गया है। साथ ही ग्रामीणों ने सर्वेक्षण करने वाली टीम पर भी लापरवाही का आरोप लगाया है।
मकानों में पड़ी बड़ी बड़ी दरारें
मूल निवास भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक लूशुन टोडरिया ने कहा कि रेलवे स्टेशन निर्माण के दौरान हुई ब्लास्टिंग से ग्रामीणों के मकानों में बड़ी बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं। मकानों की स्थिति जर्जर हो रही है, लेकिन इसके बाद भी जो मकानों के मुआवजे बने हैं, उनमें भारी अनियमताएं हैं। जिन लोगों के पुराने मकान हैं, उनको बहुत ही कम मुआवजा दिया जा रहा है। जिस तरह से मकानों का पहला सर्वे हुआ, उससे लगता है कि शासन स्तर से घोर लापरवाही बरती गई है। न सिर्फ मकानों का गलत मूल्यांकन हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में प्रभावितों के नाम भी बहुत सारी त्रुटियां हो रखी है।