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खतरे में ऋषिकेश का लक्ष्मणझूला..आवाजाही पर लगी रोक, जानिए इसका 90 साल पुराना इतिहास

90 साल पहले बने लक्ष्मणझूला पुल की मियाद पूरी हो गई है, इस पर आवाजाही अब खतरे से खाली नहीं...पढ़िए पूरी खबर

उत्तराखंड न्यूज: Rishikesh laxman jhula story
Image: Rishikesh laxman jhula story (Source: Social Media)

देहरादून: ऋषिकेश में बना लक्ष्मणझूला पुल इस तीर्थनगरी की खास पहचान है, पर अब इस पुल पर चलना खतरे से खाली नहीं है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि लक्ष्मणझूला पुल की मियाद खत्म हो चुकी है। कुल मिलाकर इस पुल पर अब लोगों की आवाजाही सुरक्षित नहीं है। पीडब्ल्यूडी भी अपनी सर्वे रिपोर्ट में ये बात कह चुका है। विभाग ने अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। ये बेहद अहम रिपोर्ट है और इस पर जल्द ही ध्यान दिया जाना चाहिए। एक सप्ताह बाद कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी। प्रशासन ने कांवड़ियों की आवाजाही के लिए जो रूट तय किया है, उसके अनुसार लोगों को लक्ष्मणझूला पुल के जरिए ही भेजा जाएगा। जो कांवड़िए नीलकंठ जाएंगे, उन्हें लक्ष्मणझूला पुल से होकर जाना पड़ेगा। लक्ष्मणझूला पुल पर आवाजाही सेफ नहीं है, लेकिन रामझूला पर पर आवाजाही सुरक्षित है। इसे लेकर लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।लक्ष्मण झूला पुल की मियाद खत्म होने और दुर्घटना की आशंका के चलते पुल से आवाजाही पर पूर्ण रोक लगा दी है। आगे जानिए लक्ष्मण झूला का इतिहास

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चलिए लगे हाथ आपको लक्ष्मणझूला पुल का इतिहास भी बता देते हैं। लक्ष्मणझूला पुल को बने हुए 90 साल हो चुके हैं। इसका निर्माण साल 1929 में हुआ था। साल 1930 में इसे लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया। कुछ समय पहले पीडब्ल्यूडी के डिजाइनर पीके चमोली ने लक्ष्मणझूला पुल के साथ ही रामझूला पुल का निरीक्षण किया था। रामझूला पुल साल 1986 में बना था। सर्वे के दौरान पुल की लोडिंग क्षमता और आयु की जांच की गई थी। निरीक्षण के बाद जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसके मुताबिक 89 साल पहले के डिजाइन और क्षमता के हिसाब से बना लक्ष्मणझूला पुल अब आवाजाही के लिए सुरक्षित नहीं है। लक्ष्मणझूला पुल अब इस हालत में नहीं है कि इस पर ज्यादा लोग आवाजाही कर सकें। पुराने समय में पुल बनाते वक्त क्षमता का ध्यान नहीं रखा जा सकता था। अब जो पुल बनते हैं, उनकी क्षमता 500 किलोग्राम प्रति स्क्वायर मीटर होती है। पुलिस को भी जानकारी दे दी गई है। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने कहा फिलहाल शासन के निर्देश मिलने का इंतजार है, उसी के अनुसार अगला कदम उठाया जाएगा।