उत्तराखंड देहरादूनharak singh rawat agnry wrote letter to uttarakhand Chief secretary personnel

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री की अपने ही विभाग में नहीं चलती? मचा सियासी भूचाल

कैबिनेट हरक सिंह रावत की उनके अपने विभाग में ही नहीं चल रही...हाल ही में उन्होंने प्रमुख सचिव कार्मिक को लेटर लिखकर अपनी नाराजगी जाहिर की...

उत्तराखंड: harak singh rawat agnry wrote letter to uttarakhand Chief secretary personnel
Image: harak singh rawat agnry wrote letter to uttarakhand Chief secretary personnel (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मिनिस्टर हरक सिंह रावत चर्चा में रहने का हुनर खूब जानते हैं...वो जो भी करते हैं, कहते हैं वो खबर बन जाती है...यूं तो हरक सिंह रावत की छवि दबंग मंत्रियों की है, लेकिन इन दिनों उनकी दबंगई उनके खुद के विभाग के अधिकारियों तक पर नहीं चल रही। हरक सिंह रावत का कहना है कि विभाग के अधिकारी उन्हें सीरियसली नहीं ले रहे, अधिकारियों के इस रवैय्ये से हरक बेहद नाराज हैं और उन्होंने प्रमुख सचिव कार्मिक को एक लेटर भेजकर अपनी नाराजगी भी जता दी है। इस लेटर में हरक सिंह रावत ने लिखा है कि उनके विभागों की फाइलें सीधे सीएम दफ्तर से अनुमोदित हो रही हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि विभाग के अधिकारी उन्हें तवज्जो नहीं दे रहे। दरअसल बात ये है कि मंत्री हरक सिंह रावत के विभाग के अधिकारी अपने विदेश दौरे के लिए सीधे सीएम दफ्तर से अनुमोदन ले रहे हैं। भई,,,विभाग के चीफ से पूछे बिना अगर अफसर ऐसा करेंगे तो मंत्री जी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंचेगा ही। ये ही बात हरक सिंह रावत के इगो को हर्ट कर रही है।

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अपने पत्र में नाराजगी जाहिर करते हुए उन्हें लिखा कि इन दिनो उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं, लेकिन अधिकारियों के विदेश दौरों के लिए फाइलें उनके पास ना भेज कर सीधे मुख्यमंत्री दफ्तर के लिए भेजी जा रही हैं। लेटर में उन्होंने पीसीसी चीफ जयराज और श्रम आयुक्त आनंद श्रीवास्तव के नाम का जिक्र करते हुए कहा कि इन दोनों अधिकारियों की पिछले दिनों विदेश यात्रा के लिए पत्रावली सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमोदित की गई। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पहले भी अपने विभाग की विभिन्न फाइलों के सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से अप्रूव होने पर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। हरक ने साफ कहा कि ये सुशासन के लिए अच्छी परंपरा नहीं है, उन्होंने ये भी कहा है कि भविष्य में बिना विभागीय मंत्री की इजाजत के विभाग के अध्यक्ष को विदेश यात्रा की अनुमति न दी जाए। अभी तक तो कैबिनेट मंत्री हरक सिंह केवल लेटर में ही अपनी नाराजगी दिखा रहे हैं, लेकिन इस मामले में जल्द ही एक्शन नहीं लिया गया तो कहीं ऐसा ना हो कि मंत्री का जी का गुस्सा सार्वजनिक तौर पर फट पड़े...उम्मीद है मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी कोई भी मोल नहीं लेना चाहेगा।