उत्तराखंड STORY BEHIND BADRINATH TEMPLE

बद्रीनाथ के कपाट खुले.. ये कभी शिवजी का निवास था, ऐसे बना भगवान विष्णु का प्रिय धाम

करोड़ों भक्तों की आस्था के प्रतीक बद्रीधाम में कभी भगवान भोलेनाथ निवास करते थे, फिर यहां श्रीहरि कैसे बस गए...इसके पीछे एक अनोखी कहानी है...

उत्तराखंड: STORY BEHIND BADRINATH TEMPLE
Image: STORY BEHIND BADRINATH TEMPLE (Source: Social Media)

: उत्तराखंड में पावन बद्रीनाथ धाम के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। सुबह 4 बजकर 15 मिनट के शुभमहूर्त पर भगवान बद्रीनाथ के कपाट विधि-विधान से खोले गए, जिसके बाद श्रद्धालु भगवान बद्रीनारायण के दर्शन कर सकेंगे। देवभूमि में स्थित बद्रीनाथ धाम का भगवान विष्णु के चारों धामों में प्रमुख स्थान है। बद्रीनाथ धाम में नर और नारायण की पूजा होती है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु को ये नगरी इतनी मनमोहक लगी थी कि उन्होंने यहां रहकर ही ध्यान मग्न होने का मन बना लिया था। लोक मान्यताएं हैं कि आज भले ही ये क्षेत्र भगवान नारायण का क्षेत्र हो, लेकिन एक वक्त था जब यहां देवों के देव महादेव विराजते थे। कहा जाता है कि बद्रीनाथ में पहले भगवान शिव परिवार सहित रहा करते थे। भगवान शिव और भगवान विष्णु एक-दूसरे के आराध्य थे, पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान विष्णु को साधना के लिए एकांत स्थान की जरूरत थी, उन्हें भगवान शिव का धाम बद्रीनाथ भा गया, लेकिन यहां तो पहले से ही भोलेनाथ रह रहे थे। आगे जानिए पूरी कहानी...

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कहा जाता है कि इसके बाद भगवान विष्णु ने लीला रचाई और छोटे बच्चे का भेष बनाकर रोने लगे। उनके रोने की आवाज सुन मां पार्वती घर से बाहर आईं और बच्चे को घर के भीतर ले जाने लगी। भगवान भोलेनाथ श्रीहरि की लीला समझ चुके थे, उन्होंने पार्वती को ऐसा करने से मना भी किया, लेकिन वो मानी नहीं। उन्होंने बच्चे को भीतर सुला दिया और जैसे ही बाहर आईं, श्रीहरि ने दरवाजा भीतर से बंद कर लिया। जब भगवान भोलेनाथ आए तो श्रीहरि ने साफ कह दिया कि अब यहां मैं निवास करूंगा और भविष्य में अपने भक्तों को यहीं दर्शन दूंगा। उन्होंने भोलेनाथ को केदारनाथ प्रस्थान करने के लिए भी कहा...बस तब ही से ये क्षेत्र श्रीहरि का हो गया, और भगवान भोलेनाथ केदारनाथ में जाकर बसे। आज इस पावन बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओ के लिए खोल दिए गए हैं। इससे पहले 9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुले थे। अक्षय तृतीया पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए.. बद्रीनाथ के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा विधिवत रूप से शुरू हो गई। चारों धामों के दर्शन के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। सरकार और प्रशासन की तरफ से चारधाम यात्रा को सफल बनाने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।