देहरादून: उत्तराखंड के ज्यादातर हाईस्कूल और इंटरकॉलेज ऐसे हैं जिनमें प्रधानाचार्य और प्रधानाधापक नहीं है। प्रदेश के स्कूल पहले से ही शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं, ऐसे में प्रभारी प्रिंसिपल और हेडमास्टर की जिम्मेदारी भी उन पर सौंपने से छात्रों की पढ़ाई पर पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
2090 government schools do not have Principal
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन पिथौरागढ़ के मंत्री पंकज भट्ट ने सूचना के अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत राज्य के राजकीय इंटर कॉलेजों और राजकीय हाईस्कूलों में प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों के रिक्त पदों के बारे में जानकारी मांगी थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के लोक सूचना अधिकारी आरआर सोलियाल ने उन्हें प्रधानाचार्यों की सूची उपलब्ध कराई।
दो जिलों के एक भी हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक नहीं
सूची के अनुसार, उत्तराखंड के 13 जिलों में स्थित 1385 इंटर कॉलेजों में से 1180 इंटर कॉलेज प्रधानाचार्य रहित हैं। वर्तमान में राज्य के केवल 205 इंटर कॉलेजों में ही स्थायी प्रधानाचार्य उपस्थित हैं। ऐसे ही हालात प्रदेश के उच्च विद्यालयों में भी बने हुए हैं। प्रदेश के 910 हाईस्कूल हैं, जिनमें 823 सामान्य और 87 बालिका राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। लेकिन 910 हाईस्कूलों में से 79 में ही प्रधानाध्यापक तैनात हैं बाकी 831 विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नहीं हैं। राज्यभर के सभी इंटर कॉलेजों और हाईस्कूलों कुल 2090 प्रिंसिपल के पद रिक्त पड़े हैं। चंपावत और अल्मोड़ा जिले में तो किसी भी हाईस्कूल में स्थायी प्रिंसिपल नहीं है। पिथौरागढ़ जिले में सिर्फ एक हाईस्कूल में प्रिंसिपल है, बाकी संस्थान अन्य प्रभारी कर्मियों के भरोसे चल रहे हैं।
प्रधानाध्यापकों के रिक्त पद
पौड़ी गढ़वाल जिले में 116 राजकीय हाईस्कूलों में से 109 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। टिहरी गढ़वाल में 108 राजकीय हाईस्कूलों में से 98 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। देहरादून में 71 राजकीय हाईस्कूलों में से 51 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। चमोली में 73 राजकीय हाईस्कूलों में से 72 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। हरिद्वार में 68 राजकीय हाईस्कूलों में से 57 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। रुद्रप्रयाग में 28 राजकीय हाईस्कूलों में से 27 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। उत्तरकाशी में 52 राजकीय हाईस्कूलों में से 46 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। यूएस नगर में 66 राजकीय हाईस्कूलों में से 57 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। चंपावत में 43 राजकीय हाईस्कूलों में से 43 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। बागेश्वर में 32 राजकीय हाईस्कूलों में से 29 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। नैनीताल में 69 राजकीय हाईस्कूलों में से 59 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। अल्मोड़ा में 97 राजकीय हाईस्कूलों में से 97 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। पिथौरागढ़ में 87 राजकीय हाईस्कूलों में से 86 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं। प्रदेश भर में 910 राजकीय हाईस्कूलों में से 831 स्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद रिक्त हैं।
प्रधानाचार्यों के रिक्त पद
टिहरी गढ़वाल जिले में 192 राजकीय इंटर कॉलेजों में से 172 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। अल्मोड़ा जिले में 166 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 163 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। पिथौरागढ़ में 128 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 123 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। चमोली जिलें में से 127 राजकीय इंटरकॉलेज में से 118 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। नैनीताल में 120 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 83 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। देहरादून में 96 राजकीय इंटरकॉलेज में से 43 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। पौड़ी गढ़वाल में 186 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 169 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। रुद्रप्रयाग में 80 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 74 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। उत्तरकाशी में 75 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 73 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। हरिद्वार में 34 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 14 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। बागेश्वर में 61 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 59 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। चंपावत में 62 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 57 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। यूएसनगर में 58 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 32 में प्रधानाचार्य नहीं हैं। प्रदेश भर में 1385 राजकीय इंटरकॉलेजों में से 1180 राजकीय इंटरकॉलेजों में प्रधानाचार्य नहीं हैं।