उत्तराखंड Kedarnath film dispute in high court

केदारनाथ फिल्म में उत्तराखंड का अपमान ? हाईकोर्ट तक पहुंचा मामला

केदारनाथ फिल्म को लेकर विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ये विवाद अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। पढ़िए ये बड़ी खबर

उत्तराखंड: Kedarnath film dispute in high court
Image: Kedarnath film dispute in high court (Source: Social Media)

: क्या केदारनाथ फिल्म में देवभूमि का अपमान किया गया ?
क्या फिल्म में जबरन मनगढ़ंत कहानी डाली गई है ?
क्या केदारनाथ धाम की आस्था से खिलवाड़ हो रहा है ?
क्या इस फिल्म के ट्रेलर से धार्मिक आस्था को ठेस पहुंची है ?
कई ऐसे सवाल हैं, जो हर किसी के दिमाग में उठ रहे हैं। पहाड़ से लेकर शहर तक हर कोई इस फिल्म के ट्रेलर और टीज़र की आलोचना कर रहा है। अब बड़ी खबर ये है कि केदारनाथ का मामला अब हाईकोर्ट तक पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि इस फिल्म रे ज़रिए देवभूमि की संस्कृति और परंपराओं को ताक पर रखा गया है। हाईकोर्ट में इस फिल्म को लेकर याचिका दायर कर दी गई है।

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हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस फिल्म में भगवान केदारनाथ का अपमान किया गया है। साथ ही कहा गया है कि इस फिल्म का निर्माण विदेशी रुपयों के दम पर किया गया है। जिन्होंने याचिका दायर की है, उनका नाम स्वामी दर्शन भारती है। उन्होंने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि फिल्म केदारनाथ में पहाड़ के साथ साथ हिंदुओं की आस्था और विश्वास के साथ गंदा मज़ाक किया गया है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म में दिखाया गया है कि केदारनाथ में सैकड़ों सालों से मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं। सच ये है कि वहां कोई मुस्लिम परिवार नहीं रहता। उन्होंने बताया है कि इस फिल्म में केदारनाथ की आपदा को लव जिहाद से जोड़ने की कोशिश की गई और आस्था पर प्रहार किया गया है।

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फिल्म के ट्रेलर में हीरो कहता है कि हमारे पूर्वज यहां सदियों से रहते आ रहे हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सेंसर बोर्ड को भी इस बारे में ज्ञापन भेजा गया है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ देशभर के लिए मोक्ष का धाम कहा जाता है और यहां तक कि जगत गुरु शंकराचार्य ने भी चार धाम की स्थापना के बाद शरीर त्यागा था। उन्होंने कहा कि इन्हीं बातों से आहत होकर हमने केदारनाथ की आस्था को बचाने की मांग की है। उनका ये भी कहना है कि केदारनाथ और बद्रीनाथ मन्दिर समिति ने भी याचिका में साथ देने की बात कही है। आपको बता दें कि इससे पहले हरिद्वार के संत समाज ने भी चेतावनी दी थी कि सिनेमाघरों में घुसकर इस फिल्म का विरोध होगा। अब देखना है कि आगे क्या होता है।