उत्तराखंड rohit shekhar demands to change name of kolly grant airport

‘देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे का नाम बदला जाए, एनडी तिवारी के नाम पर रखा जाए’

देहरादून के जौली ग्रांट हवाई अड्डे का नाम बदलकर एनडी तिवारी के नाम पर रखा जाना चाहिए। अब ये मांग भी उठने लगी है।

nd tiwari: rohit shekhar demands to change name of kolly grant airport
Image: rohit shekhar demands to change name of kolly grant airport (Source: Social Media)

: एन डी तिवारी अब इस दुनिया में नहीं हैं। अपने 92 वें जन्मदिन के दिन उन्होंने उन्होंने अपने जीवन की आखिरी सांस ली और इस दुनिया से विदा हो गए। हल्द्वानी में पूर्व सीएम का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शनों के लिए सर्किट हाउस में रखा गया। अंतिम दर्शनों के लिए आगे लोगों की आंखों में आंसू थे और वो अपने नेता को आखिरी बार विदा कर रहे थे। एनडी तिवारी एकमात्र व्यक्ति हैं, जो दो प्रदेशों की सत्ता पर विराजमान हो चुके हैं। अब उनके बेटे रोहित शेखर तिवारी ने एक मांग की है। रोहित शेखर का कहना है कि देहरादून के हवाई अड्डे का नाम बदलकर एनडी तिवारी के नाम पर रखा जाए। रोहित शेकर का कहना है कि उनके पिता एनडी तिवारी आधुनिकता के प्रतीक रहे हैं और इस वजह से हर आधुनिक चीज का नाम उनके पिता के नाम पर होना चाहिए।

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उनका कहना है कि खासतौर पर देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे का नाम बदलकर उनके पिता एनडी तिवारी के नाम पर रखा जाना चाहिए। साथ ही रोहित शेखर ने एक और इच्छा ज़ाहिर की है। उनका कहना है कि हल्द्वानी के गौलापार में बने स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिलना चाहिए और उसे भी एनडी तिवारी के नाम समर्पित कर देना चाहिए। जब देहरादून के जौलीग्रांट हवाई अड्डे को लेकर रोहित से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ‘ये मेरी मांग नहीं बल्कि एनडी तिवारी के प्रति प्रदेश का सम्मान होगा’। उन्होंने आगे कहा कि ‘विकास की बयार बहाने वाले पर्वत पुरुष के नाम पर आधुनिक चीजों को समर्पित करना सच्ची श्रद्धांजलि होगी।’ इसके बाद रोहित शेखर ने उत्तर प्रदेश सरकार की बात कही। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार ने जिस तरह से एनडी तिवारी का सम्मान किया है वो इससे बेहद खुश हैं।

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नारायण दत्त तिवारी का जन्म 1925 में नैनीताल जिले के बलूती गांव में हुआ था। तिवारी आजादी की लड़ाई में भी शामिल हुए थे। 1942 में वो ब्रिटिश सरकार की साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ नारे वाले पोस्टर और पंपलेट छापने के आरोप में पकड़े गए थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर नैनीताल जेल में डाल दिया गया। 15 महीने तक गिरफ्तार रहने के बाद वो 1944 में जेल से आजाद हुए थे। नारायण दत्त तिवारी 3 बार उत्तर प्रदेश के सीएम रह चुके हैं। इसके अलावा वो एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। साल 2007 में तिवारी को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था। 80 के दशक में नारायण दत्त तिवारी योजना आयोग के उपाध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं। इसके साथ ही 80 के दशक में ही वो केंद्रीय मंत्री समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं।