उत्तराखंड अल्मोड़ाVillagers construct road by their own with the help of Migrant Uttarakhandis

उत्तराखंड: प्रशासन ने 20 साल से नहीं ली सुध तो प्रवासियों ने की मदद, गांव वालों ने खुद बनाई सड़क

मटेला गांव द्वारा लोगों ने 20 साल से सरकार से गांव में सड़क निर्माण के लिए गुहार लगाने पर भी जब ये कार्य नहीं हुआ तो, ग्रामीणों ने स्वयं अपने गांव की सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया।

Roads in mountainous villages: Villagers construct road by their own with the help of Migrant Uttarakhandis
Image: Villagers construct road by their own with the help of Migrant Uttarakhandis (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: सड़क सुविधा की कमी भी पहाड़ से पलायन की एक बड़ी वजह है। इन गावों से अक्सर खबरें आती हैं कि सड़क की असुविधा के कारण किसी मरीज या गर्भवती महिला की अस्पताल पहुंचाते समय रास्ते में मौत हो गई। बच्चों को स्कूल पहुँचने के लिए घंटो पैदल चलना पड़ता है। जब सरकार इन लोगों की बार-बार मांग करने पर भी सड़क सुविधा नहीं पहुंचाती है तो फिर ये लोग पलायन का रास्ता अपना लेते हैं। लेकिन मटेला गांव के लोग सरकार को आईना दिखाते हुए अपने प्रयास से गांव के लिए स्वयं ही सड़क निर्माण कर रहे हैं।

Villagers construct road by their own with the help of Migrant Uttarakhandis

अल्मोड़ा जिले से करीब 15 किलोमीटर दूर ताड़ीखेत ब्लॉक और रानीखेत तहसील स्थित मटेला गांव के लोगों ने अपने प्रयास से गांव के लिए सड़क बनाने का निर्णय किया है। जिसमें उनकी मदद विदेशों या शहरों में रहने वाले उनके ग्राम वासी भी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने इस कार्य के लिए एक व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया जिसमें उन्होंने ने देश-विदेश के कई शहरों में रहने वाले अपने गांव के और जान-पहचान लोगों को जोड़ा। उन लोगों से व्हाट्सप्प ग्रुप की के जरिए मदद की अपील की। ग्रामीणों की अपील पर सभी लोगों ने अपने हिसाब से मदद की कोशिश की, कुछ तो ऐसे भी लोग हैं जिन्होंने कुछ ने शहर में नौकरी छोड़ गांव में मदद करने आ गए। इन सभी लोगों के सामूहिक प्रयास से अब गांव में सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है। सभी लोगों की मदद से सड़क निर्माण के लिए JCB और अन्य उपकरण भी उपलब्ध किए जा रहे हैं।

6 km सड़क का 20 सालों से कर रहे थे इंतजार

ग्रामीणों ने बताया कि मटेला गांव से करीब छह किलोमीटर दूर तक लगभग पचास साल पहले सड़कनिर्माण किया गया था। करीब बीस साल पहले क्षेत्रीय नेताओं ने गांव तक पक्की सड़क बनाने वादा किया था, लेकिन वो वादा आज तक पूरा नहीं किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव और रिश्तेदारों के कई लोग अल्मोड़ा, देश-विदेश के कई शहरों, दिल्ली-मुंबई, कोलकाता, ऑस्ट्रेलिया साउथ अफ्रीका।सऊदी अरब आदि जगहों में नौकरी करते हैं। ऐसे ही करीब 125 लोगों को ग्रामीणों ने व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा, और उनसे मदद के लिए लिए अपील की है। इन सभी लोगों के सहयोग से करीब पांच दिन पहले गांव में जेसीबी लगाकर सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि शहरों में प्राइवेट नौकरी करने वाले कुछ लोग सड़क बनने तक नौकरी छोड़कर गांव लौट आए हैं। सड़क निर्माण कार्य में सहयोग कर रहे हैं। कई युवा इस काम में रोस्टर बनाकर योगदान देने के लिए आने वाले हैं।
मटेला गांव में करीब छह किलोमीटर सड़क निर्माण किया जाना है। अब तक करीब डेढ़ किमी जमीन का समतलीकरण किया जा चुका है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि करीब एक महीने में गांव तक सड़क बन जाएगी। इस निर्माण कार्य में ग्राम प्रधान के साथ ही अन्य क्षेत्रीय नेता भी अपना सहयोग दे रहे हैं।
ग्रामीणों को सड़क के लिए पहल करते देख विधायक प्रमोद नैनवाल भी उनके सहयोग के लिए आगे बढ़े। विधायक प्रमोद नैनवाल ने ग्रामीणों के इस कार्य की सराहना कि और कहा वे अपनी निधि से ग्रामीणों की मदद करेंगे।