देहरादून: कजाकिस्तान के अल्माटी शहर में इंटरनेशनल जूडो फेडरेशन के और से 1 जुलाई से 5 जुलाई तक परीक्षा का आयोजन किया गया था जिसमें डॉ अवनीश ने सफलता हांसिल कर ली है और इसी के साथ वे 34 साल के देश के सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय जूडो रेफरी भी बन गए हैं।
Dr. Avneesh Becomes India's First Young International Judo Referee
दून के होनहार युवा ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर पूरे प्रदेश के साथ देश का नाम भी रोशन किया है। जूडो एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के सचिव सतीश शर्मा ने बताया कि कजाकिस्तान में आयोजित हुई जुडो रेफरी की परीक्षा में अवनीश ने देश का प्रतिनिधित्व किया और परीक्षा ए ग्रेड से उत्तीर्ण की, इस परीक्षा में भारत समेत विभिन्न देशो के रेफरी शामिल हुए थे। अवनीश भट्ट पहले से ही जूडो यूनियन ऑफ एशिया के एक ग्रेड रेफरी रह चुके हैं। देहरादून के तपोवन एन्क्लेव डॉ अवनीश भट्ट 34 साल के अवनीष देश के सबसे युवा इंटरनेशनल जूडो रेफरी भी बन गए हैं।
भविष्य में करेंगे भारत का प्रतिनिधित्व
अंतरराष्ट्रीय रेफरी बनने के बाद अवनीष ने ओलंपिक और वर्ल्ड जूडो चैंपियनशिप के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है। वे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। अवनीष की इस सफलता पर जूडो एसोसिएशन, खेल प्रेमियों और देहरादून के लोगों ने खुशी जाहिर की है।