उत्तराखंड हरिद्वारHaridwar Weather Update flood like situation Haridwar

हरिद्वार में बाढ़ का खतरा, कई घरों में घुसा भरा, चेतावनी निशान के करीब पहुंची गंगा

श्री चंद्राचार्य चौक में घुटनों तक पानी भरा हुआ है, जिससे कांवड़ यात्री परेशान हैं। श्रद्धालुओं को गंतव्य तक पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

Haridwar flood weather update: Haridwar Weather Update flood like situation Haridwar
Image: Haridwar Weather Update flood like situation Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: भारी बारिश के बीच उत्तराखंड के हर हिस्से से तबाही की तस्वीरें आ रही हैं।

Flood like situation Haridwar

पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं तो वहीं नदियों के उफान पर आने से निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। हरिद्वार में भी बारिश से भारी जलभराव हुआ है। जिस वजह से आम लोग तो परेशान हैं हीं, कांवड़ के लिए हरिद्वार पहुंचे कांवड़ यात्रियों को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। यहां गंगा समेत अन्य नदियां उफान पर हैं। गंगा नदी का चेतावनी निशान 293 मीटर है, फिलहाल गंगा चेतावनी निशान से महज 15 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। खतरे का निशान 294 मीटर है। प्रशासन अलर्ट मोड पर है। तटवर्ती इलाकों पर निगरानी रखी जा रही है। बारिश की वजह से श्री चंद्राचार्य चौक में भारी जलभराव हो गया है। यहां घुटनों तक जलभराव के बीच कांवड़ यात्री जल लेकर अपने गंतव्य को जा रहे हैं। रुड़की में गांव शिवदासपुर के ग्रामीण क्षेत्र की नदियां भी उफान पर हैं। जिससे बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

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यहां कई घरों में पानी घुसने की खबर है। घरों में पानी भरने से लाखों का नुकसान हुआ है। रुड़की में भी जलभराव की स्थिति बनी हुई है। यहां कई कॉलोनियां पानी का टापू बन गई हैं। शहर की कई पॉश कालोनियों में भी पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। शिवपुरम पनियाला रोड, कृष्णा नगर, राजेंद्र नगर, मोहनपुरा डेरा, साउथ सिविल लाइन समेत कई इलाकों में पानी भर गया है। जगह-जगह पानी भरने से आवाजाही मुश्किल बनी हुई है। उधर लालढांग में टाट वाला के नौकी में पीली नदी के उफान पर आने से सड़क तक पानी भरा है। क्षेत्र की करीब 3000 की आबादी पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, लोग डरे हुए हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी प्रशासन ने यहां पानी की निकासी के लिए उचित इंतजाम नहीं किए, जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है।