चमोली: स्नो लेपर्ड...दुनिया के सबसे खूबसूरत और दुर्लभ जीवों में से एक। उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में स्नो लेपर्ड का कुनबा बढ़ रहा है, जो कि जैव विविधता के लिहाज से शुभ संकेत है। भारतीय वन्यजीव संस्थान और वन विभाग के विशेषज्ञों द्वारा उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं समेत तमाम वन्यजीवों की गणना के दौरान कई सुखद बातें बता चली हैं। यहां Nanda Devi Biosphere रिजर्व में वन विभाग ने ट्रैप कैमरे लगाए हैं। जिसमें कई Snow leopard, musk deer, और blue sheep समेत कई प्रजातियों के वन्य जीव नजर आए। इन नतीजों से वन विभाग और जीव विज्ञानी बेहद उत्साहित हैं। नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व के निदेशक अखिलेश तिवारी ने बताया कि वन्य जीवों की गणना के लिए बायोस्फीयर में जगह-जगह ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। जिसमें कई हिम तेंदुओं की चहलकदमी को कैद किया गया है। काला भालू, कस्तूरी मृग और नीली भेड़ समेत कई प्रजातियों के जीव भी कैमरे में कैद हुए हैं, जो कि सुकून देने वाली बात है।
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संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तहत सिक्योर हिमालय परियोजना के अंतर्गत भारतीय वन्यजीव संस्थान और वन विभाग के विशेषज्ञों की ओर से हिम तेंदुओं समेत तमाम वन्यजीवों की गणना की जा रही है। हिम तेंदुए राज्य के 3000 मीटर की ऊंचाई वाले हिमालयी क्षेत्र में रहते हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है, जबकि हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की गिनती की जा रही है। इसके लिए वन विभाग की ओर से नंदा देवी बायोस्फीयर रिजर्व, गंगोत्री नेशनल पार्क, गोविंद वन्यजीव अभ्यारण्य समेत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित दस वन प्रभागों में जगह-जगह कैमरे लगाए गए हैं। कैमरा ट्रैप में हिम तेंदुओं की गतिविधियां अक्सर नजर आती हैं। उत्तरकाशी की नेलांग वैली में भी हिम तेंदुओं को देखा गया है। स्थानीय भेड़पालक उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुओं की मौजूदगी की बात कई बार कह चुके हैं, हालांकि इनकी निश्चित संख्या कभी पता नहीं चल सकी। अब Nanda Devi Biosphere में Snow leopard, musk deer और blue sheep की गणना कराई जा रही है.