टिहरी गढ़वाल: एक ओर टीएचडीसी टिहरी बांध की झील के आरएल 830 मीटर तक भरने को अपनी बड़ी उपलब्धि मान कर चल रहा है मगर अन्य परिवारों की जान के ऊपर मंडरा रहे खतरे को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से सरोट गांव के लोगों के ऊपर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। गांव के दो परिवारों के आंगन में पानी आने के बाद प्रशासन ने सरोट गांव के दोनों परिवारों के मकान खाली कराकर उन्हें सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया। टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से सरोट गांव के दो परिवारों के आंगन झील में समा गए, जिससे खतरे को देखते हुए तहसील प्रशासन ने भरत लाल पुत्र चुनरिया लाल और कमला देवी पत्नी कुंदन लाल का मकान खाली करवाकर उन्हें सरोट गांव के पंचायत घर और पशु सेवा केंद्र में शिफ्ट किया है।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - खतरे में उत्तराखंड की शान नैनीताल, वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद बताई बड़ी बातें
तहसीलदार किशन सिंह महंत और राजस्व उप निरीक्षक सुरेंद्र सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि सरोट गांव के दो परिवारों को पशु सेवा केंद्र और पंचायत घर में शिफ्ट कर दिया गया है और जिला प्रशासन को इसकी रिपोर्ट भेजी गई है। गांव के पूर्व प्रधान शूरवीर सिंह राणा और अर्जुन सिंह राणा ने कहा कि जलस्तर बढ़ाने से गांव के सौ परिवारों को खतरा पैदा हो चुका है। उन्होंने प्रतिकर भुगतान की मांग की है। थौलधार के पूर्व प्रमुख व कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट और जिला पंचायत सदस्य जयवीर सिंह रावत ने गांव वालों का समर्थन करते हुए कहा कि झील का जलस्तर बढ़ाने से पहले प्रभावितों को प्रतिकर भुगतान दिया जाना चाहिए था।