देहरादून: आपदाओं को लेकर उत्तराखंड हमेशा से संवेदनशील रहा है। इसी बीच उत्तराखंड में वैज्ञानिकों द्वारा एक बेहद बुरी आशंका जताई गई है। अगर उत्तराखंड राज्य में बड़ा भूकंप आया तो राज्य को बड़े स्तर पर जनहानि के साथ ही बड़ा आर्थिक नुकसान भी होगा। जी हां, राज्य को सालाना 2,480 करोड़ रुपए के आर्थिक नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा ने हाल ही में डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट में यह आकलन किया गया। ऐसे में उत्तराखंड सरकार अब राज्य को आर्थिक नुकसान से बचाने की तैयारियों में जुट गई है। रिपोर्ट के अनुसार राज्य को सबसे बड़ा आर्थिक नुकसान आवासीय भवनों के क्षतिग्रस्त होने से होगा और अगर बड़ा भूकंप आता है तो इसका असर राज्य के 59 प्रतिशत आवासीय भवनों पर भी पड़ेगा वहीं राज्य के 4% भवनों को क्रिटिकल श्रेणी में रखा गया है।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: अब आपको भी मिलेगा स्नो लैपर्ड देखने का मौका..पहले टूर के लिए हो जाइए तैयार
प्रदेश में जानमाल के नुकसान का खतरा सबसे अधिक मंडरा रहा है और इसके अलावा पुराने स्कूल, सरकारी भवन और अस्पताल बिल्डिंग को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बड़े भूकंप में ट्रांसपोर्टर पावर सेक्टरों को भी भारी क्षति होगी। राज्य को बड़े भूकंप से 2,480 करोड़ का वार्षिक औसत नुकसान होने का आकलन लगाया गया है। यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को उत्तराखंड डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट नाम से भेजी गई है।यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धिम अग्रवाल का कहना है कि राज्य में बड़े भूकंप की आशंका जताई जा रही है और इसमें राज्य को बड़ा आर्थिक नुकसान होने की भी संभावना है। ऐसे में सरकार द्वारा और हमारे द्वारा नुकसान को कम से कम करने के निरंतर प्रयास भी किए जा रहे हैं।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - गढ़वाल: SSB परिसर में मिले मृत कौवे..उधर कीर्तिनगर से भी आई बुरी खबर
उनका कहना है आवासीय भवनों के निर्माण में भी ऐसी तकनीक के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे भूकंप का असर बिल्डिंग्स पर ना पड़े और कम से कम नुकसान हो। वहीं सरकारी भवनों को भी नई तकनीक से बनाया जा रहा है। पुराने भवनों पर भी नजर रखी जा रही है। बड़े भूकंप के बावजूद भी उत्तराखंड में कम से कम नुकसान हो यही हमारा प्रयास है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में वर्ष 1354 में 8 रिक्टर स्केल से भी अधिक तीव्रता के साथ भूकंप आया था। उसके बाद 1505 में भी 8 रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता के साथ भूकंप आया था। तकरीबन 500 सालों के बाद उत्तराखंड में वैज्ञानिकों द्वारा एक बार फिर से बड़े भूकंप की आशंका जताई जा रही है। उत्तराखंड के आस-पास आए बड़े भूकंप की बात करें तो हिमाचल प्रदेश में 1905 में कांगड़ा के अंदर 7.8 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था। वहीं 1934 में बिहार नेपाल सीमा पर भी 8 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था।