देहरादून: 9402..... यह आंकड़े हैं राज्य में अब तक कुल कोरोना पॉजिटिव हुए मरीजों के। आंकड़ें साढ़े 9 हजार छूने की कगार पर हैं। जिस तीव्रता से राज्य में दिन-प्रतिदिन कोरोना के केसों में बढ़ोतरी हो रही है, उससे यह केसों की संख्या आखिर कहां जाकर रुकेगी। राज्य में कोरोना के खिलाफ अबतक 117 मरीज जिंदगी की जंग हार चुके हैं। प्रदेश में दो जिले ऐसे भी हैं जहां परिस्थितियां आउट ऑफ कंट्रोल हो रखी हैं। दोनों जिलों में आंकड़ें बेहिसाब बढ़ रहे हैं जिस वजह से वहां कोरोना का खौफ सबसे अधिक देखने को मिल रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं राजधानी देहरादून और हरिद्वार की जहां के आंकड़ें सुन कर आप भी चौंक जाएंगे। दोनों जिलों में आंकड़े 2-2 हजार पहुंचने की कगार पर हैं। देहरादून और हरिद्वार में कोरोना के कोरोना के कुल आंकड़ें 4000 पहुंचने ही वाले हैं। दून के आंकड़ों की बात करें तो देहरादून में अब तक 1997 लोग कोरोनावायरस में आए हैं, जिनमें से 1562 मरीज पूर्णतः स्वस्थ हो चुके हैं। अब जिले में 350 एक्टिव केस बचे हैं। पूरे प्रदेश में अब तक 117 कुल मरीजों की मृत्यु हुई है जिनमें से केवल देहरादून में ही 68 मरीज हैं। देहरादून में कुल 7 कंटेन्मेंट जोन बनाए गए हैं।
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दूसरी ओर हरिद्वार जिले में अब तक 1984 कुल पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं, जिनमें से 1147 मरीज ठीक हो चुके हैं और अब हरिद्वार जिले में 825 एक्टिव केस बचे हैं। पूरे राज्य में सबसे अधिक एक्टिव केस हरिद्वार में हैं। दून और नैनीताल दोनों ही जिले बेहद घनी आबादी वाले हैं, ऐसे में दोनों जिलों में लोगों के बीच कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए दोनों जिलों में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के ऊपर लगाम लगाने की जरूरत है। वहीं दोनों जिलों में मृत्यु के आंकड़ों की बात करें तो देहरादून में हालत बद से बदतर हो रखे हैं। वहीं हरिद्वार में भी कोरोना के कारण 4 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। कंटेनमेंट जोन की बात करें तो पूरे प्रदेश में अब तक 459 कंटेनमेंट जोन घोषित हो रखे हैं। यह वे इलाके हैं जो पूरी तरह से सील हो रखे हैं। सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन हरिद्वार में बनाए गए हैं। हरिद्वार जिले में कुल 371 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।