उत्तराखंड Inspiring story of akash and bharti of neemuch

एक प्रेम कहानी ऐसी भी: पहले लड़की को वेश्यावृति के जाल से निकाला, फिर की उससे शादी

कुछ कहानियां सच में काफी प्रेरणादायक होती हैं। ऐसी ही एक प्रेम कहानी इंटरनेट पर काफी वायरल हो रही है। आप भी पढ़िए।

Love story: Inspiring story of akash and bharti of neemuch
Image: Inspiring story of akash and bharti of neemuch (Source: Social Media)

: ये कहानी है मध्यप्रदेश के नीमच के आकाश और भारती की। दोनों अब शादी के बंधन में बंध गए हैं। आप सोच रहे होंगे कि तो क्या हुआ दोनों ने शादी कर ली ? दरअसल ये शादी सिर्फ एक प्यार की दास्तान नहीं बल्कि इंसानियत की लौ जगाती एक कहानी है। बताया है आकाश और भारती दोनों ही बांछड़ा समुदाय से हैं। बताया जाता है कि नीमच, मन्दसौर और रतलाम जिलों के करीब 68 गांव ऐसे हैं, जहां बांछड़ा समुदाय के 250 डेरे हैं, यहां खुलेआम वेश्यावृति होती है। महू-नीमच हाईवे के आस-पास बच्चियों के साथ इस तरह की दरिंदगी होती है और और उन्हें जबरन वेश्यावृति के लिए धकेला जाता है। देश के एक बड़े न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक आकाश भी इस बात को अच्छी तरह से जानता था और ये देखकर उसका बचपन से ही खून खौलता था। आगे की कहानी और भी ज्यादा दिलचस्प है।

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जब आकाश बड़ा हुआ तो उसने बाछड़ा समाज की लड़कियों को वेश्यावृति के इस दलदल से निकालने का बीड़ा उठाया। आकाश ने ‘फ्रीडम फर्म’ नाम के एनजीओ के साथ काम किया और अब तक करीब 60 लड़कियों को देह व्यापार के दलदल से बाहर निकाला। इसी तरह के एक रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए आकाश तीन महीने पहले लगा था। इस दौरान उसकी मुलाकात भारती से हुई। नाबालिग भारती ने आकाश को अपने दिल की बताई। भारती ने बताया कि वो पढ़ना लिखना चाहती है लेकिन उसकी मां ने ही उसे जबरद देह व्यापार के धंधे में धकेला। आकाश ने भारती को उस जाल से बाहर निकाला और एक गर्ल्स हॉस्टल में भर्ती कराया। कुछ दिन बाद भारती की मां उस हॉस्टल में आई और उसे वापस ले लाई। भारती से वो फोन भी छीन लिया गया, जिसके जरिए वो आकाश से बात कर पाती थी।

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इस बीच आकाश के समुदाय की पंचायत को इस बात का पता चला तो उसे भारती से दूर रहने का फरमान सुना दिया। आकाश फिर भी हारा नहीं कुछ वक्त बाद ही एक एनजीओ और पुलिस की मदद से डेरे पर छापा मारा गया। छापे के दौरान हैरानी इस बात की हुई कि भारती की मां ही पांच लड़कियों से देह व्यापार का धंधा करवा रही थी। NGO के जरिए भारती को नीमच के एक आश्रम में लाया गया। आकाश की कोशिशों के चलते भारती की पढ़ाई एक बार फिर से शुरू की गई। भारती को नौंवी क्लास में दाखिला मिल सका क्योंकि काफी देर हो चुकी थी। भारती इस साल 21 जनवरी को बालिग हो गई। इसके बाद आकाश और भारती दोनों ने ही बांछड़ा समुदाय पर लगे दाग को मिटाने का फैसला लिया। दोनों की शादी भी की और अब दोनों ही बांछड़ा समुदाय के बच्चों को पढ़ाने का बीड़ा उठा रहे हैं। वास्तव में बॉलीवुड को ऐसी सच्ची घटनाओं पर कोई फिल्म बनानी चाहिए, जिसमें सच्ची प्रेम कहानी के साथा साथ जीवन के अमिट संघर्ष भी छुपे हैं।