उत्तराखंड चम्पावतWater supply for pulla village started

उत्तराखंड के इस गांव में 70 साल बाद पहुंचा पानी, जानिए इस अनोखे गांव की कहानी

पुलहिंडोला कस्बे के लोगों को पानी के लिए पूरे 70 साल इंतजार करना पड़ा, पर अब ये इंतजार खत्म हो गया है...

Water supply started: Water supply for pulla village started
Image: Water supply for pulla village started (Source: Social Media)

चम्पावत: जो लोग अक्सर जिंदगी से शिकायत करते रहते हैं, उन्हें उत्तराखंड के गांवों में एक बार जरूर जाना चाहिए। पहाड़ के इन गांवों में रहने वालों की जिंदगी पहाड़ सी कठिन है, लेकिन इस संघर्ष को उन्होंने अपना साथी बना लिया है। पहाड़ के कई गांवों में आज भी सड़कें नहीं है, बिजली नहीं है, पानी नहीं है... पर इन गांवों में रहने वाले लोगों ने अभाव में रहते हुए भी कभी उम्मीद नहीं छोड़ी। और जब ये उम्मीदें विकास की किरण लेकर आती हैं तो सचमुच बहुत सुकून मिलता है। चंपावत का पुलहिंडोला गांव भी ऐसी ही उम्मीद से जगमगा रहा है। इस गांव के लोगों को पीने के पानी के लिए पूरे 70 साल इंतजार करना पड़ा, पर अब ये इंतजार खत्म हो गया है। गांव में पानी आ गया है। पानी की कीमत क्या होती है ये पुलहिंडोला गांव के लोग अच्छी तरह जानते हैं और अब वो पानी के संरक्षण के लिए काम भी कर रहे हैं। चलिए कुमाऊं के इस अनोखे गांव की कहानी जानते हैं। चंपावत जिले से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पुलहिंडोला कस्बा, इसे लोग पुल्ला के नाम से जानते हैं। कस्बे में 50 से 60 परिवार रहते हैं।

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एक समय था जब इस कस्बे की क्षेत्र में खूब धाक थी। ये नेपाल से होने वाले व्यापार का केंद्र था। यहां स्कूल थे, स्वास्थ्य केंद्र भी था। नेपाल और दूसरी जगहों के छात्र यहां पढ़ने आया करते थे। वैसे तो कस्बा खूब तरक्की कर रहा था, लेकिन यहां सबकुछ होने के बाद भी पानी नहीं था। पानी के स्त्रोत गांव से 2 किलोमीटर दूर थे। हर परिवार को सिर्फ और सिर्फ पानी की चिंता सताती थी। पानी के लिए सुबह 4 बजे से जद्दोजहद शुरू होती थी, जो कि रात के 10 बजे तक जारी रहती। सरकारी-गैर सरकारी संस्थाओं ने यहां पानी की किल्लत दूर करने की तमाम कोशिशें कीं, पर कामयाबी नहीं मिली। साल 2002 में कस्बे में हैंडपंप भी लगाए गए, जिससे पानी तो मिलने लगा पर हैंडपंपों की देखभाल एक बड़ी चुनौती थी। पानी लाने के लिए खूब मेहनत करनी पड़ती थी। साल 2012 में क्षेत्र की बागडोर विधायक पूरन सिंह फर्त्याल को मिली। विधायक जी समस्या को अच्छी तरह समझते थे, सत्ता में आते ही उन्होंने कस्बे की पेयजल समस्या से निपटने की ठान ली, प्रयास शुरू कर दिए जिसके अच्छे नतीजे सामने आए। उनकी कोशिशों से अब पुल्ला गांव में पानी की सप्लाई शुरू हो गई है, लोग भी खुश हैं। अब उन्हें पानी के लिए कई किलोमीटर का पैदल सफर नहीं करना पड़ता। पुल्ला की समस्या का समाधान हो गया, पर पहाड़ के दूसरे गांव अब भी बिजली-पानी के लिए तरस रहे हैं, इन गांवों की भी सुध ली जानी चाहिए।