उत्तराखंड Bagwal preparation in uttarkashi

देवभूमि में 25-26 नवंबर को मनाई जाएगी मंगसीर की बग्वाल, जानिए इस परंपरा की कहानी

इस बार मनाई जाने वाली बग्वाल कई मायनों में बेहद खास होगी, बग्वाल के जरिये युवा पीढ़ी को उत्तराखंड की संस्कृति से रूबरू कराया जाएगा...

Uttarkashi: Bagwal preparation in uttarkashi
Image: Bagwal preparation in uttarkashi (Source: Social Media)

: उत्तराखंड विविधताओं वाला प्रदेश है। किसी एक प्रदेश में अगर अलग-अलग संस्कृतियों के दर्शन करने हों तो उत्तराखंड से बेहतर कोई जगह नहीं। यहां हर क्षेत्र की अपनी मान्यताएं, अपनी परंपराएं हैं। पहाड़ में भी इन दिनों एक ऐसी ही अनोखी परंपरा निभाए जाने की तैयारी चल रही है। उत्तरकाशी में मंगसीर की बग्वाल की तैयारी हो रही है। इसे आप पहाड़ की दिपावली कह सकते हैं। पूरे देश में दिवाली मनाई जा चुकी है, लेकिन उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में लोग इसे अपनी तरह से मनाते हैं। गढ़वाल की पौराणिक मंगसीर की बग्वाल की तैयारी पूरी हो चुकी है। आगामी 25 और 26 नवंबर को मंगसीर की बग्वाल मनाई जाएगी। इस बार बग्वाल के जरिए लोगों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जाएगा। बग्वाल की नई थीम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी खिलाओ है। यही नहीं बग्वाल कार्यक्रम के जरिए आने वाली पीढ़ी को देवभूमि की संस्कृति से भी रूबरू कराया जाएगा। देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले प्रवासी पहाड़ी बग्वाल मनाने के लिए उत्तरकाशी पहुंचने लगे हैं।

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मंगसीर की बग्वाल देश में मनाई जाने वाली दीपावली के एक महीने बाद मनाई जाती है। इससे जुड़ी मान्यता के बारे में भी आपको बताते हैं। आजकल सूचना महज कुछ सेकेंड्स में एक से दूसरी जगह पहुंचाई जा सकती है, पर पुराने वक्त में ऐसा नहीं था। भगवान श्रीराम जब वनवास काट कर लौटे थे, तो पहाड़ के रहने वाले लोगों को समय पर सूचना नहीं मिली। उन्हें एक महीने बाद श्रीराम के लौटने की सूचना मिली थी, तब पहाड़ में दिवाली के एक महीने बाद मंगसीर की बग्वाल मनाई गई। मंगसीर की बग्वाल को उत्तराखंड के वीर भड़ माधो सिंह भंडारी की याद में भी मनाया जाता है। एक दूसरी मान्यता के अनुसार वीर भड़ माधो सिंह भंडारी इस दिन युद्ध जीतकर घर लौटे थे, तब लोगों अपने सेनापति की जीत की खुशी में बग्वाल मनाई थी। इस बार 25 और 26 नवंबर को बग्वाल मनाई जाएगी। इस मौके पर विभिन्न कार्यक्रम होंगे। लोगों को पहाड़ की संस्कृति के साथ ही यहां के खान-पान और औषधियों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।