नैनीताल: उत्तराखंड की लोककला ऐपण पूरी दुनिया में मशहूर है। ये कुमाऊं की पहचान है, जिसे अब रोजगार का जरिया बनाने पहल शुरू हो गई है। इस पहल का श्रेय जाता है नैनीताल के काबिल डीएम सविन बंसल को, जो कि क्षेत्र के सांस्कृतिक विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। डीएम की पहल पर जिला योजना के जरिए उद्योग विभाग भीमताल में महिलाओं-बालिकाओं को ऐपण आर्ट की ट्रेनिंग दे रहा है। जिसमें निर्मल सोशल रिसर्च एवं डेवलपमेंट सोसाइटी भी मदद कर रही है। प्रोग्राम के तहत महिलाओं को 21 दिन तक ऐपण आर्ट की ट्रेनिंग दी जाएगी। बुधवार को ट्रेनिंग प्रोग्राम में डीएम सविन बंसल भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि ऐपण हमारी संस्कृति का आईना है। महिलाओं के लिए ऐपण ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की गई है, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने ट्रेनिंग लेने वाली महिलाओं से कहा कि वो पूरे दिल से ऐपण कला सीखें। महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी तो परिवार के साथ ही समाज भी सशक्त होगा।
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डीएम ने सहायक प्रबंधक उद्योग ओपी पांडेय को ऐपण प्रशिक्षणार्थियों का पीएमईजीपी और महिला उद्यमिता विकास योजना में रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए। ताकि ट्रेनिंग ले रही महिलाएं लघु उद्योग की शुरुआत कर सकें। डीएम ने कहा कि उद्यमियों द्वारा तैयार किए गए सामान की बिक्री के लिए मार्केट भी उपलब्ध कराया जाएगा। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए जिले में ग्रोथ सेंटर व सरस मार्केट को बढ़ावा दिया जा रहा है। चलिए अब आपको ऐपण के बारे में बताते हैं। कुमाऊं में मांगलिक कार्य के मौके पर घरों को प्राकृतिक रंगों से सजाया जाता है, इस कला को ऐपण कहते हैं। ऐपण कलाकृति को बनाने में प्राकृतिक रंगों जैसे गेरू और पिसे हुए चावल के घोल यानि बिस्वार का इस्तेमाल कर आकृतियां बनाई जाती हैं। लोककला की इस स्थानीय शैली को ऐपण कहते हैं। डीएम की पहल से इस लोककला से संरक्षण में मदद मिलेगी, साथ ही महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।