उत्तराखंड देहरादूनCondition of air pollution is critical in Dehradun

देहरादून के लोग जहरीली हवा लेने को मजबूर हैं, प्रदूषण की स्थिति बेहद चिंताजनक

देहरादून में वायु प्रदूषण गंभीर रूप लेता जा रहा है, गति फाउंडेशन ने इस विषय पर सर्वे किया है साथ ही कुछ सुझाव भी दिए हैं...

air pollution Dehradun: Condition of air pollution is critical in Dehradun
Image: Condition of air pollution is critical in Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: अपने देहरादून को वायु प्रदूषण की नजर लग गई है। एक वक्त था जबकि वायु प्रदूषण का मुद्दा सिर्फ दिल्ली, बंगलुरु जैसे महानगरों में गूंजा करता था, पर अब देहरादून की हवा भी साफ नहीं रही। हरियाली और स्वच्छ आबोहवा के लिए पहचाने जाने वाले देहरादून में वायु प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक हो गई है। हाल ही में गति फाउंडेशन नाम के एनजीओ ने दून में एक सर्वे किया। इस सर्वे रिपोर्ट में दावा किया गया है कि देहरादून में वायु प्रदूषण गंभीर रूप लेता जा रहा है। इसकी एक अहम वजह दिल्ली से दून आने वाले पुराने वाहन और खाली प्लाटों में कचरा फेंकने की आदत भी है। गति फाउंडेशन के ‘दून पॉल्यूशन टेल्स अभियान’ की थीम ‘वायु प्रदूषण को हराओ‘ थी। अभियान में ऑटो चालक, स्ट्रीट वेंडर, ट्रैफिक पुलिस अधिकारी, कैब ड्राइवर, स्ट्रीट स्वीपर और छात्रों को मुख्य रूप से शामिल किया गया।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - देहरादून से दिल्ली जाने वालों के लिए अच्छी खबर, अब इलेक्ट्रिक बसों के साथ फर्राटा भरेंगी CNG बसें
मेडिकल प्रेक्टिशनर्स, आरटीओ देहरादून, सिटी पेट्रोल यूनिट, अपशिष्ट प्रबंधन विशेषज्ञों ने भी अभियान में हिस्सा लिया। इस मौके पर आरटीओ अरविंद पांडे ने कहा कि वाहन मालिकों के लिए पीयूसी अनिवार्य किया जाना चाहिए, इससे वायु प्रदूषण के मामले मे राहत मिल सकती है। सार्वजनिक परिवहन के साथ ही अपशिष्ट कूड़ा प्रबंधन पर भी ध्यान देना होगा। रिपोर्ट में बताया गया कि खुले में जलाया जा रहा कचरा वायु प्रदूषण की अहम वजह है। अभियान के दौरान शहर के भीतर कई जगह खुले में कचरा जलता पाया गया। प्रेमनगर, घंटाघर, ईसी रोड और राजपुर रोड पर लोग खुले में कूड़ा जलाते दिखे। देहरादून के लिए ये अच्छा संकेत नहीं है, इस समस्या पर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और बद्तर हो जाएंगे।