उत्तराखंड देहरादून11 year old ridhima working on climate awareness program

उत्तराखंड: 11 साल की बच्ची ने यूनाइटेड नेशंस में दर्ज कराई शिकायत, दुनिया ने किया सलाम

हरिद्वार की रहने वाली रिद्धिमा क्लाइमेट चेंज के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं, वो विश्वभर के उन 16 बच्चों में शामिल हैं, जिन्होंने UN में शिकायत दर्ज कराई है..

Greta Thunberg: 11 year old ridhima working on climate awareness program
Image: 11 year old ridhima working on climate awareness program (Source: Social Media)

देहरादून: 6 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग पर्यावरण को बचाने की अपनी मुहिम को लेकर चर्चा में हैं। यूनाइटेड नेशंस में जलवायु परिवर्तन पर सम्मेलन के दौरान ग्रेटा ने विश्व के नेताओं से कहा कि ‘आपने हमारे बचपन, हमारे सपनों को छीन लिया। आपकी हिम्मत कैसे हुई?’ ग्रेटा के इन सवालों ने हर किसी को झकझोर दिया था। पर्यावरण को बचाने के लिए ग्रेटा की इस मुहिम में अलग-अलग देशों के 16 बच्चे शामिल हैं। इन 16 बच्चों में से एक है उत्तराखंड की नन्हीं रिद्धिमा पांडेय। रिद्धिमा का परिवार मूलरूप से उत्तराखंड के नैनीताल का रहने वाला है, अब वो हरिद्वार में बस गई हैं। क्लाइमेट चेंज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग जो मुहिम चला रही हैं, उसके तहत अलग-अलग देशों के 16 बच्चों ने अपनी सरकारों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र यानि यूएन में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत दर्ज कराने वालों में हरिद्वार की रिद्धिमा पांडेय भी शामिल हैं। ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ी समस्या के रूप में हमारे सामने है। कितने शर्म की बात है कि जिस मुद्दे पर बड़ों को गंभीर कदम उठाने चाहिए, उस समस्या के खिलाफ बच्चों को अभियान छेड़ना पड़ रहा है, जो बात ये बच्चे समझ रहे हैं, हम नहीं समझ पा रहे। हरिद्वार की रहने वाली रिद्धिमा पांडेय भी ग्रेटा की मुहिम में साथ दे रही हैं। उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं।

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रिद्धिमा सिर्फ 11 साल की हैं। उन्हें पर्यावरण से प्यार है। पर्यावरण को बचाने की सीख उन्हें अपने पिता से मिली। इतनी छोटी सी उम्र में भी वो अच्छी तरह जानती हैं कि क्लाइमेट चेंज के कितने गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं। नैनीताल से हरिद्वार आने पर रिद्धिमा ने देखा कि हर साल लाखों कांवड़िए हरिद्वार आते हैं, जिससे हरिद्वार का मौसम सर्दी में भी गर्म रहने लगा है। बढ़ते तापमान का असर ग्लेशियरों और गंगा नदी पर पड़ रहा है। साल 2013 में उन्होंने उत्तराखंड आपदा को भी देखा। रिद्धिमा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी, जिसमें उन्होंने सरकार से औद्योगिक परियोजनाओं का आंकलन करने और उसने निकलने वाली खतरनाक गैसों और दूसरे रसायनों को लेकर बड़ा जुर्माना लगाने की अपील की थी। अब रिद्धिमा ग्रेटा थुनबर्ग की मुहिम से जुड़कर पर्यावरण को बचाने का काम कर रही हैं।