उत्तराखंड देहरादूनMaternity leave will not be granted to a third child in uttarakhand

उत्तराखंड: तीसरा बच्चा होने पर नहीं मिलेगी मैटरनिटी लीव, हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

मातृत्व अवकाश को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है, अब तीसरे शिशु के जन्म के वक्त महिलाओं को मैटरनिटी लीव नहीं मिलेगी...

maternity leave: Maternity leave will not be granted to a third child in uttarakhand
Image: Maternity leave will not be granted to a third child in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में मैटरनिटी लीव पर जाने की तैयारी करने वाली महिलाओं के लिए एक जरूरी खबर है। जो महिलाएं अपने तीसरे शिशु को जन्म देने वाली हैं, उन्हें अब मैटरनिटी लीव और उससे जुड़े लाभ नहीं मिलेंगे। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मातृत्व लाभ अधियनियम को लेकर एक बड़ा आदेश पारित किया है। हाईकोर्ट ने तीसरे बच्चे में भी मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत अवकाश देने के आदेश को निरस्त कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट नए उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें महिलाओं को तीसरे शिशु के जन्म के वक्त भी मैटरनिटी लीव देने का प्रावधान है। राज्य सरकार ने इस फैसले को लेकर कोर्ट में विशेष अपील की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए आदेश को निरस्त कर दिया है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - ऋषिकेश के कल्याणी हत्याकांड से जुड़ी बड़ी खबर, 21 दिन बाद अजय ने भी की खुदकुशी
कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य की सेवाओं में काम करने वाली महिलाओं को तीसरा बच्चा होने पर मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत छुट्टी नहीं मिलेगी। राज्य सरकार को इस मामले में अपील करने की जरूरत क्यों पड़ी, ये भी जान लें। दरअसल हल्द्वानी की रहने वाली नर्स उर्मिला मसीह को तीसरी संतान होने पर मैटरनिटी लीव नहीं मिली थी। इसके खिलाफ उर्मिला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। उर्मिला ने कहा कि प्रदेश सरकार का नियम संविधान के अनुच्छेद-42 के मूल-153 और मातृत्व लाभ अधिनियम की धारा-27 का उल्लंघन करता है। साल 2018 में एकलपीठ ने इस अधिनियम को अवैधानिक घोषित कर दिया था। बाद में इस फैसले के खिलाफ सरकार ने विशेष अपील दायर की थी। मंगलवार को खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सरकार की विशेष अपील को स्वीकार करते हुए एकलपीठ का आदेश निरस्त कर दिया। साथ ही याचिका को भी खारिज कर दिया गया। अब राज्य की सेवाओं में काम करने वाली महिलाओं को दो बच्चों के बाद मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत मैटरनिटी लीव नहीं मिलेगी।