उत्तराखंड देहरादून20 thousand helmets sold in 11 days

देहरादून में 11 दिन में बिके 20 हजार हेलमेट, नए नियमों ने सिखा दिया सड़क पर चलना

हेलमेट आपको भारी जुर्माने से बचा ले ये जरूरी नहीं, हेलमेट मानक के अनुरूप नहीं हुआ तो चालान कटेगा..

Mv act 2019: 20 thousand helmets sold in 11 days
Image: 20 thousand helmets sold in 11 days (Source: Social Media)

देहरादून: नए मोटर व्हीकल एक्ट ने एक बात तो साबित कर दी कि लोग आज भी अपनी सुरक्षा के लिए नहीं बल्कि सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट पहते हैं। मोटर वाहन अधिनियम में भारी जुर्माने का प्रावधान होने के बाद वाहन चालकों में खलबली मची है। ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी करने वाले लापरवाह लोग डरे हुए हैं। हेलमेट की धड़ाधड़ बिक्री हो रही है। बात करें दून शहर की, तो यहां पिछले 11 दिन में करीब 20 हजार हेलमेट खरीदे गए। यानि ये 20 हजार लोग इससे पहले हेलमेट नहीं पहन रहे थे। पर भारी जुर्माने के डर से अब हेलमेट पहन कर निकलने लगे हैं। सोशल मीडिया पर भले ही चालान पीड़ित लोग अपना दुखड़ा रो रहे हों, लेकिन सच तो ये है कि भारी जुर्माने ने लोगों को ट्रैफिक रूल्स फॉलो करना सिखा दिया है। बिना बीमा गाड़ी चलाने वाले, सीट बेल्ट ना पहनने वाले, बिना प्रदूषण चेक कराए गाड़ी चलाने वाले लोग डर गए हैं। बीमा ऑफिस से लेकर प्रदूषण जांच केंद्रों तक में लोगों की कतार लगी है।

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दुपहिया वाहन पर दोनों सवारियों के लिए हेलमेट पहनना जरूरी है। बिना हेलमेट के दुपहिया चलाने वालों से सौ रुपये की जगह हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। हजार रुपये बचाने के लिए लोग हेलमेट को अपनाने लगे हैं। दून में हेलमेट की बिक्री बढ़ गई है। 1 सितंबर से हेलमेट की बिक्री में 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। पिछले 11 दिन में 20 हजार हेलमेट खरीदे गए। हालांकि अब भी लोग सुरक्षा के लिए नहीं सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट खरीद रहे हैं। ब्रांडेड और अच्छी क्वालिटी का हेलमेट खरीदने की बजाय लोग कामचलाऊ हेलमेट ज्यादा खरीद रहे हैं। यहां हम आपको ये भी बता दें कि हेलमेट पहनने वाले चालान से बचे रहेंगे, ये तय नहीं है। क्योंकि अगर हेलमेट सुरक्षा नियमों के तहत मान्य नहीं हुआ तो चालान कटना तय है। ऐसे में जरूरी है कि सुरक्षा मानकों के अनुरूप ही हेलमेट खरीदें। चालान से बचने के लिए सस्ता हेलमेट खरीदने वाले ये समझ लें कि ऐसा कर के वो ना सिर्फ नियम तोड़ रहे हैं, बल्कि अपनी सुरक्षा भी खतरे में डाल रहे हैं।