उत्तराखंड देहरादूनGHANTAGHAR DEHRADUN WATCH

12 साल बाद धड़का देहरादून के घंटाघर का दिल, चल पड़ीं डिजिटल घड़ियां..जानिए इनकी खूबियां

देहरादून का दिल है घंटाघर और 12 साल बाद इस दिल की धड़कनों ने चलना शुरू किया है। यहां हाईटेक डिजिटल घड़ियां लगाई गई हैं। जानिए इनकी खूबियां

उत्तराखंड न्यूज: GHANTAGHAR DEHRADUN WATCH
Image: GHANTAGHAR DEHRADUN WATCH (Source: Social Media)

देहरादून: आखिरकार 12 साल के लंबे इंतजार के बाद देहरादून का दिल कहे जाने वाले घंटाघर की धड़कनें शुरू हुई हैं। बंगलुरू से करीब साढ़े नौ लाख की 6 डिजिटल घड़ियां घंटाघर पर लगाई गई हैं। इसके साथ ही घंटाघर पर घड़ी के घंटे की टन-टन शुरू हो गई। महापौर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने इन घड़ियों का शुभारंभ किया। तालियों की गड़गड़ाहट के साथ इन धड़कनों का स्वागत किया गया। ये खआस तौर पर बनी डिजिटल घड़ियां हैं, जो कि बिजली से संचालित होंगी। खास इंजीनियर्स द्वारा इस मशीन की मरम्मत की गई है। घंटघर की सुईयां अब बंद न हों इसके लिए बकायदा नया बिजली कनेक्शन भी ले लिया गया है। आपको बता दें कि साल 2007 में घंटाघर की सुईंया बंद पड़ गई थी। बेहद ही पुराने जमाने की मशीन और बेहद पुरानी तकनीकि का कोई इलाज नहीं मिल रहा था। आगे पढ़िए

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2008 में घंटाघर की सुईयां चलाने को लेकर कसरत भी की गई लेकिन संभव नहीं हो पाया। इसके बाद नई घड़ियां और मशीने लगाने पर भी विचार किया गया। लेकिन हर बार बजट का अभाव बताकर हाथ पीछे खींच लिए गए। हालांकि इसके बाद ONGC ने इन सुईयों को चलाने की पहल की लेकिन घंटाघर की नींव कमजोर मिली। इसके बाद ब्रिडकुल ने इसकी नींव मजबूत करने का काम शुरू किया था। अब घंटाघर के सौंदर्यीकरण पर काम चल रहा है। मेयर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि घंटाघर हमारी विरासत का हिस्सा है और इसे सहेजना हमारा कर्तव्य है। उनका कहना है कि जल्द ही घंटाघर का बदला स्वरूप लोगों को दिखेगा। घंटाघर में म्यूजिकल लाइट और फाउंटेन भी लगाए जा रहे हैं।