उत्तराखंड देहरादूनDEHRADUN POLUTION UPDATE

देहरादून के लिए बुहत बड़ा खतरा, देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में टॉप-10 पर

वायु प्रदूषण के मामले में देहरादून देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में टॉप-10 पर है, ये आंकड़े डराने वाले हैं...

उत्तराखंड न्यूज: DEHRADUN POLUTION UPDATE
Image: DEHRADUN POLUTION UPDATE (Source: Social Media)

देहरादून: विकास के नाम पर उत्तराखंड की हरी-भरी घाटियों की किस तरह दुर्गति हो रही है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण सूबे की राजधानी देहरादून है। तरक्की के नाम पर शहर कंक्रीट के जंगल में तब्दील होता जा रहा है। हरियाली और लीची-आम के बगीचे अब गुजरे दौर की बातें हो चुकी हैं। कभी स्वच्छ हवा और हरियाली के लिए मशहूर दून सिटी अब देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में छठें स्थान पर है। जो लोग देहरादून से प्यार करते हैं, इसे सहेजना चाहते हैं, उनके लिए ये दिल तोड़ने वाली खबर है। अब दून में हर जगह धूल-धुएं के गुबार दिखते हैं। सड़कों पर बेलगाम रफ्तार से दौड़ रही 10 लाख से ज्यादा रजिस्टर्ड गाड़ियां शहर की हवा में जहर घोल रही हैं। साल 2017 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने देश के सबसे प्रदूषित 200 शहरों की लिस्ट जारी की थी। जिसमें देहरादून वायु प्रदूषण के मामले में छठें नंबर पर रहा।

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उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण के स्तर की जांच के नाम पर हमेशा से खानापूर्ति करता रहा है। पिछले साल फरवरी में गति फाउंडेशन ने दून में प्रदूषण को लेकर एक सर्वे किया था, जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। तमाम जगहों पर प्रदूषण की जांच की गई तो प्रदूषण का स्तर सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा दिखा। कूड़ा जलाने और वाहनों की वजह से दून की हवा जहरीली हो रही है। गति फाउंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप नौटियाल कहते हैं कि दून में प्रदूषण का बढ़ता स्तर भयावह है। वाहनों की बढ़ती संख्या और जगह-जगह जलने वाले कूड़े से दून की फिजा दूषित हो रही है। दून में प्रदूषण जांच केंद्रों की हालत क्या है, ये भी सभी जानते हैं। अकेले दून में 10 लाख रजिस्टर्ड वाहन हैं, लेकिन प्रदूषण जांच केंद्र केवल 20 हैं। ऐसे में धुंआ उगलकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं होती। काशीपुर-रुद्रपुर भी इंडस्ट्रियल क्षेत्रों में शामिल हैं, लेकिन यहां प्रदूषण दून की अपेक्षा कम है। हरियाली घटने से प्रदूषण तो बढ़ा ही है, साथ ही देहरादून का तापमान भी बढ़ रहा है। हालांकि उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अब इस तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है। प्रदूषण कम करने के लिए कार्ययोजना तैयार हो रही है। ऋषिकेश और काशीपुर में कार्ययोजना पर काम हो रहा है। इन दोनों शहरों के बाद देहरादून के लिए भी प्लान तैयार किया जाएगा।