उत्तराखंड अल्मोड़ाuttarakhand deghat human trafficking

देवभूमि में महापाप...बाप ने अपनी बेटी को मेरठ में बेच दिया, आरोपी की मौत से उलझा केस

कभी मजबूरी तो कभी शादी के नाम पर पहाड़ की बच्चियां दूसरे राज्यों में बेची जा रही हैं, और ऐसा करने वाले उनके अपने ही हैं...पढ़िए ये खबर

उत्तराखंड मानव तस्करी: uttarakhand deghat human trafficking
Image: uttarakhand deghat human trafficking (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: पहाड़ की भोली-भाली बेटियां रुपयों के लालच में दूसरे राज्यों में बेची जा रही हैं। जहां उनकी आबरू का सौदा होता है। कई लड़कियां देह व्यापार में धकेल दी जाती हैं, तो कई को शादी के नाम पर छला जाता है। ज्यादातर मामलों में तो ऐसा करने वाले उनके सगे-संबंधी ही होते हैं। रानीखेत के स्याल्दे में लड़की को बेचे जाने का ऐसा ही सनसनीखेज मामला सामने आया है। इस युवती को उसके पिता और गांव के कुछ लोगों ने मेरठ के रहने वाले लोगों को बेच दिया था। पर लड़की की किस्मत अच्छी थी, उसने मेरठ पुलिस से मदद मांगी और उनकी मदद से वापस अपने गांव देघाट लौट आई। अब पीड़ित ने अपने पिता और दूसरे लोगों के खिलाफ उसे बेचने का मामला दर्ज कराया है। वहीं लड़की को बेचने वाले एक आरोपी की मौत हो गई, पर वो कैसे मरा, ये अब तक पता नहीं चल पाया है। आरोपी की मौत ने मामले को और उलझा दिया है। पूरा मामला क्या है चलिए आपको बताते हैं। देघाट की रहने वाली 19 साल की लड़की का आरोप है कि 30 जून को उसके पिता और गोलना गांव का रहने वाला मदनराम बहला-फुसलाकर मेरठ ले गए थे। गांव के कुछ लोग भी उनके साथ गए थे। आगे पढ़िए पूरा मामला...

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पीड़ित का आरोप है कि 1 जुलाई को मेरठ में उसकी शादी जबरदस्ती हेमंत नाम के दिव्यांग से करा दी गई। शादी हस्तिनापुर मंदिर में हुई। मानव तस्करों ने युवती को कई प्रलोभन दिए। दूल्हे हेमंत के पिता ने आरोपी मदनराम को 35 हजार और लड़की के पिता जीबी राम को 10 हजार रुपये भी दिए। ये देख लड़की सारा माजरा समझ गई। उसने गांव में रहने वाली अपने सहेली को फोन किया। जिसने उसे 100 नंबर पर कॉल करने की सलाह दी। सूचना मिलते ही मेरठ पुलिस हरकत में आई और युवती को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाकर रिश्तेदार के यहां पहुंचा दिया। बता दें कि इस संबंध में ग्वलदीना के सरपंच कुंवरराम ने राजस्व चौकी चौना में आरोपी मदनराम के खिलाफ तहरीर दी थी। राजस्व पुलिस ने मदनराम को पूछताछ के बाद छोड़ दिया था, लेकिन 2 जुलाई को ही मदनराम की लाश एक मंदिर के पास पड़ी मिली। मदनराम जिंदा होता तो मानव तस्करों के खिलाफ अहम जानकारियां मिल सकती थीं, पर मदनराम की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है। उसके परिजनों का आरोप है कि मदनलाल की हत्या की गई है। वहीं देघाट पहुंची युवती ने अपने पिता, मदनलाल और गांव के कुछ लोगों पर उसे बेचने का आरोप लगाया है। राजस्व पुलिस ने कहा कि जल्द ही पीड़ित का बयान लिया जाएगा, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।