: उत्तराखंड को देवों की भूमि कहा जाता है। इस जगह का संबंध महाभारत के साथ-साथ रामायण से भी है। इसी धरा पर स्थित है सितोलस्यूं, कहा जाता है कि ये वही जगह है, जहां माता सीता ने भू-समाधि ली थी। पौड़ी में स्थित सितोलस्यूं में 11वीं शताब्दी में बने मंदिर मिलते हैं। सितोल्स्यूं में आज भी प्राचीन सीता मंदिर, लक्ष्मण मंदिर और वाल्मिकी आश्रम देखे जा सकते हैं। ये मंदिर 11 वीं शताब्दी में बनाए गए थे। सितोल्स्यूं में स्थित है फलस्वाड़ी गांव, जहां माता सीता का मंदिर है। कहा जाता है कि माता सीता ने यहीं भू-समाधि ली थी। यहां सीता माता का प्राचीन मंदिर भी हुआ करता था, जो कि धरती में समा गया था। यहां हर साल नवंबर में मनसार का मेला लगता है। उस दौरान क्षेत्र में उगने वाली घास से एक रस्सा बनाया जाता है। माना जाता है कि घास के ये रेशे माता सीता के केश हैं, जिन्हें लोग प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं। इस गांव के लिए अब बड़ा ऐलान किया गया है। आगे जानिए...