: देश के थलसेना प्रमुख बिपिन रावत इस साल के आखिर में रिटायर होने वाले हैं। उनके बाद थलसेना की कमान किसे सौंपी जाएगी, ये सवाल हर किसी के मन में है। अगले सेना प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फिलहाल जैसे संकेत मिल रहे हैं, उसे देख लगता है कि ये पद ईस्टर्न आर्मी कमांडर, या नॉर्दन आर्मी कमांडर में से किसी एक को मिल सकता है। किसके नाम पर फाइनल मुहर लगेगी, ये जानने के लिए हमें थोड़ा इंतजार करना होगा। थल सेनाध्यक्ष बनने की दौड़ में सेना के कौन-कौन से अधिकारी शामिल हैं, चलिए आपको बताते हैं। इस वक्त सेना के टॉप फाइव अधिकारियों का नाम चर्चा में है, जिनमें से किसी एक को ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। थल सेनाध्यक्ष के पद की जिम्मेदारी सबसे वरिष्ठतम अधिकारी को दी जाती है। ऐसे में फिलहाल सेना के पास ऐसे दो अधिकारी हैं, जो कि अनुभव के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में भी शानदार काम कर चुके हैं। इनमें से एक हैं जनरल मुकुंद नरवाने, जो कि अभी ईस्टर्न आर्मी कमांडर हैं। जनरल बिपिन रावत के रिटायर होने के बाद वो इंडियन आर्मी में सबसे सीनियर अधिकारी होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल मुकुंद नरवाने सिख लाइट इंफ्रेंट्री के अफसर रहे हैं। उन्होंने कश्मीर में राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की कमान भी संभाली है।
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इसके साथ ही कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह को भी ये महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह म्यांमार के साथ ही पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक्स से जुड़े रहे हैं। वो इस वक्त नॉर्दन आर्मी कमांडर हैं। उनका ट्रैक रिकॉर्ड शानदार है। थल सेनाध्यक्ष बनने की रेस में ये दोनों नाम फिलहाल टॉप पर हैं। आपको बता दें कि थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत इस साल दिसंबर में रिटायर हो रहे है, उनके रिटायरमेंट से पहले अगले थल सेनाध्यक्ष का नाम फाइनल हो जाएगा। सेलेक्शन प्रोसेस शुरू हो चुका है। लिस्ट में जो नाम सबसे टॉप पर हैं, उन दोनों अफसरों का सर्विस रिकॉर्ड देखा जाएगा। आने वाले महीनों में सेना के टॉप अधिकारियों में बदलाव भी किया जा सकता है। वैसे तो सेना में सबसे वरिष्ठतम अधिकारी को सेनाध्यक्ष चुने जाने की परंपरा रही है, पर इससे इतर भी चुनाव हुए हैं। आर्मी चीफ के लिए किसके नाम पर फाइनल मुहर लगेगी, अब ये देखना होगा।