उत्तराखंड टिहरी गढ़वालjawan jai singh died in tehri garhwal

गढ़वाल राइफल का जवान शादी में शामिल होने के लिए घर आया था...तिरंंगे में लिपटकर चला गया

वो जवान अपनी भतीजी की शादी के मौके पर छुट्टी पर घर आया था। लेकिन तिरंगे में लिपटकर चला गया।

उत्तराखंड: jawan jai singh died in tehri garhwal
Image: jawan jai singh died in tehri garhwal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: देश के वीर जवान..कुछ वक्त के लिए छुट्टी पर घर आना और फिर एक लंबे वक्त के लिए सीमा पर चले जाना। ये कहानी हर जवान की है। लेकिन वो जवान छुट्टी पर खुशी खुशी घर आया था क्योंकि भतीजी की शादी थी। किसी ने सोचा भी नहीं था कि ये खुशी का पल गम के माहौल में बदल जाएगा। घनसाली के पौनाड़ा गांव आज अपने उस सपूत को याद कर रहा है। इस गांव के जवान राय सिंह को सैनिक सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। राय सिंह 7th गढ़वाल राइफल के जवान थे। वो अपने गांव में अपनी भतीजी की शादी की शादी में शामिल होने के लिए आए हुए थे। शादी के समारोह में शामिल होने के बाद वो अपने परिवार के साथ चमियाला बाजार वापस आए। इस दौरान ना जाने क्या हुआ और उन्हें अटैक आ गया। इसके बाद वो ब्रेन हैमरेज के शिकार हो गए। हालत ये हो गई कि उनके शरीर के एक हिस्से को लकवा मार गया। उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर लाया गया। डॉक्टरों ने उनकी गंभीर हालत देखी और देहरादून सैनिक अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

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इसके बाद सैनिक अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ. उन्हें 48 घंटे ऑब्जर्वेशन पर रखा गया, लेकिन 28 घंटे के अंदर ही उन्होंने आखिरी सांस ले ली। रविवार को उनके यूनिट के जवान उनके पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ उनके गांव लाए। सैन्य सम्मान के साथ पैतृक घाट पर उन्हें आखिरी विदाई दी गई। पूरा गांव गमगीन था और सभी के आंखें नम थीं। राय सिंह के दो बेटे और एक बेटी है। इस वक्त राय सिंह राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात थे। जवान राय सिंह के पिता का कहना है कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व था और हमेशा रहेगा। उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की गई लेकिन वो बच नहीं पाए। राय सिंह के पिता का कहना है कि वो अपने पोते और पोती को भी फौजी के रूप में देखना चाहते हैं। मृतक जवान की मां और पत्नी चंपा देवी भी गहरे सदमे में है।