उत्तराखंड रुड़कीcurruption in roorkie depot in uttarakhand

उत्तराखंड रोडवेज के एक डिपो में 58 लाख का घोटाला, ये अभी सिर्फ पहला खुलासा हुआ है

उत्तराखंड रोडवेज के रुड़की डिपो में 58 लाख के घोटाले का खुलासा हुआ है। मामला क्या है चलिए आपको बताते हैं।

उत्तराखंड न्यूज: curruption in roorkie depot in uttarakhand
Image: curruption in roorkie depot in uttarakhand (Source: Social Media)

रुड़की: उत्तराखंड बना था तो उम्मीद जगी थी कि अब पहाड़ का विकास होगा...उन्नति के सपने पूरे होंगे, लेकिन भ्रष्टाचार की कालिख ने इस नवगठित राज्य की साख पर बट्टा लगा दिया है। हर दिन घोटालों की खबरें आ रही हैं...भ्रष्टाचार की आंच अब उत्तराखंड रोडवेज तक पहुंच गई है, मामला रोडवेज के रुड़की डिपो का है, जहां कर्मचारियों के वेतन से हर महीने लाखों रुपये की कटौती कर इस रकम को ठिकाने लगाया जा रहा था। रोडवेजकर्मियों की सैलरी से काटी गई रकम गलत तरीके से सहकारी वेतन भोगी ऋण समिति के खाते में गलत तरीके से भेजी जा रही थी। अब तक की जांच में पता चला है कि मार्च-2018 से फरवरी -19 तक करीब 58 लाख रुपये सहकारी समिति के खाते में गलत तरीके से भेजे गए, हालांकि कहा जा रहा है कि ये घोटाला सितंबर-2017 से चल रहा था और घोटाले की रकम 94 लाख तक हो सकती है। घोटाले का खुलासा होने पर डिपो कैशियर को निलंबित कर दिया गया है।

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एजीएम रुड़की आरपी पैन्यूली ने मामले की जांच रिपोर्ट परिवहन निगम मुख्यालय को दी है। रोडवेज मुख्यालय मामले की विस्तृत जांच करा रहा है। ये घोटाला लंबे वक्त से चल रहा था और शायद कभी पकड़ में भी नहीं आता...पर घोटाले की पोल उस वक्त खुल गई जब बीती 10 अप्रैल को उत्तराखंड परिवहन निगम के नए प्रबंध निदेशक आर राजेश कुमार ने सूबे के लगभग सभी डिपो में चल रही है वेतन ऋण सहकारी समिति के रिकार्ड तलब किए। रुड़की डिपो को जब ये लेटर मिला तो डिपो के एजीएम ने देखा कि में 6 समितियां कार्यरत हैं, इसमें उत्तरांचल राज्य सड़क परिवहन निगम कर्मचारी सहकारी समिति के दस्तावेज नहीं मिले। यही नहीं समिति की तरफ से कर्मचारियों को ऋण कटौती संबंधी जानकारी नहीं दी जा रही थी, लेकिन हर महीने समिति के खाते में लाखों रुपये भेजे जा रहे थे…

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ये देख अधिकारी भी भौचक रह गए। गड़बड़ी का खुलासा होने पर एजीएम ने कैशियर हामिद को तत्काल निलंबित करने के आदेश दिए। एजीएम ने वरिष्ठ केंद्र प्रभारी अमिता सैनी, केंद्र प्रभारी राजकुमारी समेत कनिष्ठ केंद्र प्रभारी विवेक कपूर, सहायक रोकडिय़ा प्रदीप त्यागी व सहायक लिपिक संदीप गोयल से स्पष्टीकरण देने को कहा है। बताया जा रहा है कि समिति के नाम पर कर्मचारियों के खून-पसीने की कमाई हड़पने का खेल सितंबर 2017 से चल रहा था, समिति ने अपना खाता 2017 में खोला था। मामला बेहद गंभीर है, जिसकी जांच चल रही है। रोडवेज महाप्रबंधक महाप्रबंधक दीपक जैन कहा कि वेतन की मद से भेजी गई धनराशि से इस तरह की कटौती नहीं हो सकती। यह बहुत बड़ी अनियमितता है। अभी जांच चल रही है। दोषियों के खिलाफ जल्द कार्रवाई की जाएगी।