उत्तराखंड देहरादूनSTORY OF MARTYER SIDHARTH NEGI

शहीद सिद्धार्थ नेगी: घर में जन्मदिन की तैयारी थी, वो तिरंगे में लिपटा हुआ आया

शहीद सिद्धार्थ अपने जन्मदिन के दिन ही शहीद हो गए, उनकी मां सुचित्रा को आज भी अपने लाडले से आखिरी बार बात ना कर पाने का गम है।

उत्तराखंड: STORY OF MARTYER SIDHARTH NEGI
Image: STORY OF MARTYER SIDHARTH NEGI (Source: Social Media)

देहरादून: एक मां के लिए उसके बच्चे ही पूरी दुनिया होते हैं, जरा सोचिए उस मां पर क्या गुजर रही होगी, जिसका बेटा अपने जन्मदिन के दिन ही शहीद हो गया हो...शहीद स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी की मां इस वक्त ऐसे ही दुख से गुजर रही हैं, इस दुख का हम अंदाजा तक नहीं लगा सकते। जिस वक्त परिवार वाले बेटे के जन्मदिन की तैयारी कर रहे थे, उसी दिन उसके शहीद होने की खबर आ गई। एक वेबसाइट के मुताबिक शहीद सिद्धार्थ नेगी की मां सुचित्रा नेगी को आखिरी वक्त में बेटे से बात ना करने का गम साल रहा है। सिद्धार्थ नेगी ने अपने जन्मदिन पर पिता से कहा था कि वो टेस्ट फ्लाइट के बाद अपनी मां से बात करेंगे, लेकिन ये उनकी जिंदगी की आखिरी फ्लाइट साबित हुई, जिससे वो कभी वापस नहीं लौट सके। इसके बाद तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

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बंगलुरु में 1 फरवरी को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का मिराज-2000 ट्रेनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। जिसमें देहरादून के रहने वाले स्क्वाड्रन लीडर सिद्धार्थ नेगी शहीद हो गए थे। वायु सेना में स्क्वाड्रन लीडर शहीद सिद्धार्थ नेगी पंडितवाड़ी में रहने वाले बलबीर सिंह नेगी के बेटे थे। हादसे से ठीक पहले पिता बलबीर नेगी ने उन्हें फोन पर जन्मदिन की बधाई दी थी। उस वक्त सिद्धार्थ ने उनसे टेस्ट फ्लाइट के बाद मां सुचित्रा नेगी से बात करने की बात कही थी, लेकिन अफसोस सिद्धार्थ वापस नहीं लौट सके। उनकी मां सुचित्रा को अब भी इस बात का गम साल रहा है कि वो आखिरी वक्त में बेटे की आवाज तक नहीं सुन पाईं। शहीद सिद्धार्थ नेगी का अंतिम संस्कार बंगलुरू में कॉक्स टाउन स्थित श्मशान में सैन्य सम्मान के साथ किया गया। शहीद के परिजन अब तक इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं।