उत्तराखंड Story of dehradun sandeep goyal

देहरादून के संदीप...कैंसर को मात देकर हुनर का लोहा मनवाया, युवाओं के लिए बने प्रेरणा

देहरादून के संदीप आज हर किसी के लिए मिसाल बन गए हैं। कैंसर को मात देकर अपने सुरों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। पढ़िए और शेयर कीजिए जज्बे से भरी ये कहानी

उत्तराखंड: Story of dehradun sandeep goyal
Image: Story of dehradun sandeep goyal (Source: Social Media)

: कैंसर जैसी बीमारी इंसान को तोड़कर रख देती है, लेकिन कई कैंसर सरवाइवर अपनी हिम्मत के दम पर इस बीमारी को ना केवल मात देते हैं, बल्कि ऐसी मिसाल बन जाते हैं, जो लोगों को ताउम्र खुल कर जीने का हौसला देती है। ऐसे ही एक शख्स हैं देहरादून के रहने वाले संदीप । संदीप जीभ के कैंसर की वजह से अपनी जुबान खो चुके हैं, उनका जबड़ा भी नहीं है, लेकिन जब संदीप गाते हैं तो उनकी सुरीली आवाज सुनकर लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। ऐसी हालत में जबकि जुबान ना होने की वजह से आदमी एक शब्द तक नहीं बोल पाता संदीप अपने गीतों से जिंदगी में मिठास भरने की कोशिश में जुटे हैं। संदीप गोयल के गाए गीतों को सोशल मीडिया पर खूब वाहवाही मिल रही है। आइए आपको बताते हैं कि किस तरह से संदीप ने ज़िंदगी भर संघर्ष के जरिए इस मुकाम को पाया।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - उत्तराखंड में चार जवानों की खुदकुशी, एक साथ हुए थे पुलिस में भर्ती
विजय पार्क में रहने वाले संदीप ओएनजीसी में मैटेरियल मैनेजमेंट सुपरिटेंडेंट हुआ करते थे, लेकिन साल 2011 में उन्हें मुंह का कैंसर हो गया। कैंसर आखिरी स्टेज का था और उनके बचने की उम्मीद बेहद कम थी। परिवार की मदद और दोस्तों के साथ से संदीप ने कैंसर से जंग जीत ली, लेकिन उनकी जुबान नहीं रही। एक समय में संदीप अपनी सुरीली आवाज के लिए जाने जाते थे, लेकिन कैंसर ने उनकी जुबान छीन ली थी। जीभ नहीं थी पर संदीप ने अपना हुनर नहीं खोया था। दोस्तों की मदद से एक बार फिर संदीप गाने लगे। संदीप अब प्रोफेशनल सिंगर की तरह ट्रैक पर गीत गाने लगे हैं और पहले की तरह उनकी आवाज को खूब तारीफ मिल रही है। अपनी हिम्मत और हौसले के दम पर वो उन तमाम लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं, जो कैंसर जैसी बीमारी के डर से जिंदगी को जीना छोड़ दिया करते हैं।