उत्तराखंड Tulip flower in haldwani

उत्तराखंड में खिला यूरोप का ये बेशकीमती फूल, रोजगार से जुड़ी अच्छी खबर

वन विभाग की मेहनत रंग लाई है। उत्तराखंड में 5 रंग के ट्यूलिप के फूल खिले हैं।

उत्तराखंड: Tulip flower in haldwani
Image: Tulip flower in haldwani (Source: Social Media)

: यूरोप को अपनी महक से महकाने वाला ट्यूलिप जल्द ही उत्तराखंड मे अपनी महक बिखेरेगा। वन विभाग की रिसर्च विंग की मेहनत रंग लाई है। हल्द्वानी और मुनस्यारी में किया गया प्रयोग सफल रहा है, इसके साथ ही हल्द्वानी में 5 रंग के ट्यूलिप फूल खिले हैं। आमतौर पर ये फूल 1500 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर खिलता है, लेकिन हल्द्वानी के गर्म मौसम में सफलतापूर्वक खिले फूलों से महकमे में उत्साह है। वन विभाग हल्द्वानी में ट्यूलिप गार्डन विकसित करने की तैयारी कर रहा है। यूरोप देशों का ये फूल इससे पहले जम्मू-कश्मीर में और पिछले कुछ सालों से राजभवन उत्तराखंड में खिलता था। इसकी पैदावार को लेकर किए गए एक्सपेरिमेंट्स सफल रहे हैं। यूरोप में ये फूल वसंत ऋतु में खिलता है, वहां पर ट्यूलिप फेस्टिवल मनाया जाता है, जिसमें दुनियाभर से पुष्पप्रेमी पहुंचते हैं। राजभवन में भी पिछले कुछ सालों से बसंत महोत्सव में इसकी कुछ खूबसूरत नयी पौधें दिखती थीं। अगर उत्तराखंड में ट्यूलिप गार्डन विकसित होते हैं तो रोजगार की दिशा में भी ये शानदार पहल हो सकती है।
Tulip flower in Rajbhawan Dehradun
राजभवन में ट्यूलिप के फूलों का निरीक्षण करते पूर्व राज्यपाल के०के०पॉल

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आईएफएस संजीव चतुर्वेदी का ये प्रयोग वास्तव में काबिलेतारीफ है। आईएफएस चतुर्वेदी ने अपनी कोशिशों से ट्यूलिप के फूल उगाने में सफलता हासिल की है। इस पूरी प्रक्रिया में महज 6 से 7 हजार रुपये खर्च हुए। कुमाऊं का हिमालयी क्षेत्र ट्यूलिप की खेती के लिए मुफीद है। वन विभाग ने पिछले साल नीदरलैंड से ट्यूलिप के करीब तीन बल्व मंगवाए थे। नवंबर में इन्हें मुनस्यारी और हल्द्वानी की नर्सरियों में बोया गया। दोनों जगहों पर अंकुरण 90 फीसदी रहा है। बसंत से पहले ही हल्द्वानी की नर्सरी पीले, सफेद, लाल, हल्के केसरिया और जामुनी रंग के ट्यूलिप के फूलों से महकने लगी है। हालांकि मुनस्यारी में अब भी ट्यूलिप के फूलों के खिलने का इंतजार है। ट्यूलिप का प्रयोग सफल रहने पर अब हल्द्वानी और मुनस्यारी में छोटे-छोटे स्तर के दो ट्यूलिप गार्डन तैयार किए जाएंगे। इसके बाद अनुसंधान सलाहकार समिति से अनुमोदन लिया जाएगा। धीरे-धीरे इस पहल को राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी ले जाया जाएगा। ट्यूलिप की खेती से राज्य में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, साथ ही ट्यूलिप गार्डन से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।