उत्तराखंड ten beautiful things about gauchar mela

शुरू हुआ देवभूमि का ऐतिहासिक मेला, जानिए गौचर मेले की 10 दिलचस्प बातें

देवभूमि के ऐतिहासिक मेलों में से एक कहा जाने वाला गौचर मेले का आगाज़ हो गया है। आइए आपको इस मेले की 10 बड़ी जानकारियां दे देते हैं।

उत्तराखंड न्यूज: ten beautiful things about gauchar mela
Image: ten beautiful things about gauchar mela (Source: Social Media)

: उत्तराखंड के सबसे ऐतिहासिक मेलों में से एक माना जाने वाले गौचर मेले का भव्य आग़ाज़ हो गया है। ये मेला 23 से 29 नवंबर तक चलेगा। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत इस मेले में पहुंचे और इसका शुभारंभ किया। इसी के साथ सीएम ने यहां 106 करोड़ की योजनओं का किया भी शिलान्यास किया। इस बार निकाय चुनाव की वजह से ये मेला 9 दिन की देरी से शुरू हुआ। आइए इसकी कुछ दिलचस्प बातों के बारे में आपको जानकारी दे देते हैं।
1- साल 1943 में गढ़वाल के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर आरबी वार्नीडी के सुझाव पर इस व्यापारिक मेले का शुभारंभ हुआ था। भारत-तिब्बत और चीन के बीच व्यापार को बढ़ावा देने कि लिए 1943 में इस मेले की शुरुआत हुई।
2- इस बार यहां फिल्म फेस्टिवल, फूड फेस्टिवल के साथ साथ यहां कई आयोजन होने हैं।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - उत्तराखंड का वो मंदिर..जहां मार्क जुकरबर्ग भी सिर झुकाते हैं, खुद बताई हैं बड़ी बातें
3- साल 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। इस युद्ध के चार साल बाद तक गौचर में मेले का आयोजन नहीं हुआ। इसके बाद फिर से उत्तर प्रदेश सरकार की पहल पर ये मेला शुरू किया गया।
4- गौचर मेला उत्तराखंड में लगने वाले मेलों में से एक ऐतिहासिक मेला कहा जाता है। गौचर के आसपास मंदिरो के अलावा कई पर्यटक स्थल भी है। रूद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, हरियाली देवी, नरसिंह देवता मंदिर और जोशीमठ मंदिर तक यहां से आसानी से पहुंचा जा सकता है।
5-20-30 साल पहले तक गौचर एक खूबसूरत बस्ती हुआ करती थी। दूर-दूर तक फैले समतल खेत इसकी खूबसरूत और आकर्षण पर चार चांद लगा देते थे। ये प्रकृति की गोद में बसा एक वाणिज्यिक और बेहद ही खूबसूरत शहर है।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढें - जय उत्तराखंड...गांव के बेटे ने पहले ही कोशिश में टॉप की IES परीक्षा, मेहनत से पाया मुकाम
6- ये मेला संस्कृति, बाजार और उद्योग तीनों के बेहतरीन मेल की वजह से पूरे उत्तराखंड में लोकप्रिय बन चुका है।
7- मेले में कई तरह के छोटे छोटे स्टॉल लगाए जाते हैं। जहां आप स्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ उठा सकते हैं।
8- मेले में गांवों से आए लोग हाथ से बनाए गए ऊनी स्वेटर और कई तरह के स्थानीय कपड़े भी बेचते हैं।
9- इस ऐतिहासिक मेले में मनोरंजन, संस्कृति के आधार पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।
10- इस सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए हर साल पर्यटन विभाग, उत्तराखंड द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।