चमोली: डीएम..यानी शान की नौकरी, मोटी सैलरी और एशो-आराम की जिंदगी। अक्सर लोग ऐसा ही एक जिलाधिकारी के लिए सोचते होंगे। लेकिन पहाड़ में कुछ जिलाधिकारी ऐसे भी तैनात हैं, जो हर किसी के लिए प्रेरणा का सबब बन रहे हैं। ऐसे जिलाधाकारी अपने कामों से जनता के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। ऐसी ही एक जिलाधिकारी हैं चमोली जिले की डीएम स्वाति एस भदौरिया। एक जिलाधिकारी चाहे तो अपने बच्चे का एडमिशन किसी भी बड़े प्राइवेट संस्थान में करवा सकता है लेकिन डीएम स्वाति ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने अपने दो साल के बच्चे का एडमिशन आंगनबाड़ी केंद्र में करवाया है। डीएम स्वाति के पति नितिन भदौरिया भी एक आईएएस ऑफिसर हैं और दोनों ने काफी सोच समझ कर ही ये फैसला लिया है। आइए इस बारे में आपको बताते हैं।
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चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया और उनके पति आईएएस नितिन भदौरिया ने अपने दो साल के बेटे अभ्युदय का दाखिला किसी प्ले स्कूल में नहीं बल्कि बजाय आंगनबाड़ी केंद्र में कराया। ये एक अनोखी पहल है, जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। मंगलवार से ही बच्चे को नियमित रूप से आंगनबाड़ी में दाखिला दिलाया गया। डीएम स्वाति कहती हैं कि आम लोगों के भी केंद्र सरकार की इस योजना के बारे में पता होना चाहिए और हमारी पहल से ही लोग इसके लिए जागरूक हो सकेंगे। आप आम जनता भी डीएम की इस पहल से बेहद प्रभावित हैं। एक IAS ऑफिसर जब ऐसा काम कर रही हैं, तो जाहिर सी बात है कि बाकी लोग भी इसके लिए प्रेरित होंगे। इसका सीधा असर ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रो पर भी पड़ सकता है, जो बंद होने की कगार पर हैं।
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स्वाति एस भदौरिया लगातार अपने कामों की वजह से चर्चाओं में रहती हैं। जिले में पर्यटक स्थलों को चिन्हित कर विकसित करने के लिए वो लगातार काम कर रही हैं। जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया कहती हैं कि चमोली जिले में पर्यटन की अपार सम्भावनाऐं हैं। क्षेत्र की जनता को सूधा फायदा पहुंचाने के लिए उनका फोकस सुविधाओं को विकसित करने पर रहता है। आम जनता के साथ घुल मिलकर वो उनकी परेशानियों को सुलझाती हैं। ईटीवी का ये वीडियो भी देखिए