देहरादून: कुमाऊं विश्वविद्यालय ने पारंपरिक फूलों और जड़ी-बूटियों का उपयोग करके हर्बल चाय के विकास पर अनुसंधान किया है। वन यूनिवर्सिटी वन रिसर्च योजना के अंतर्गत, यह विश्वविद्यालय 30 से अधिक फूलों और जड़ी-बूटियों से हर्बल चाय का निर्माण कर रहा है, जो डायबिटीज और वायरस से मुकाबला करने में सहायक होगी।
Kumaun University did research on herbal tea
बीते गुरुवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने गवर्नर लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के समक्ष शोध कार्य की प्रगति पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में एक शोध कार्य किया जा रहा है। इस शोध का मुख्य उद्देश्य राज्य की पारंपरिक पुष्प और जड़ी-बूटियों से बनी हर्बल चाय को वैज्ञानिक परीक्षण के माध्यम से प्रमाणित करना है, ताकि इसकी औषधीय गुणवत्ता को सिद्ध किया जा सके।
विशेष गुणवता वाली हर्बल चाय
कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत ने बताया कि इस शोध के तहत तीन प्रमुख प्रकार की हर्बल चाय का विकास किया जा रहा है। इनमें एंटी डायबिटिक चाय, इम्यूनिटी बढ़ाने वाली चाय और एंटीवायरल हर्बल चाय शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के बाद हर्बल उत्पादों की मांग में काफी वृद्धि हुई है। पारंपरिक फूलों और जड़ी-बूटियों में औषधीय गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं, लेकिन इनका अभी तक व्यापक स्तर पर उपयोग नहीं किया गया है।