उत्तराखंड देहरादूनCM Dhami Govt creates history Uniform Civil Code in Uttarakhand

उत्तराखंड: इतिहास रचने को तैयार धामी सरकार, अनुच्छेद 44 के तहत उत्तराखंड में लागू होगा UCC

उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने जा रही है. जिससे उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बनेगा जहां यह कानून प्रभावी होगा। UCC के कार्यान्वयन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं..

UCC Uttarakhand: CM Dhami Govt creates history Uniform Civil Code in Uttarakhand
Image: CM Dhami Govt creates history Uniform Civil Code in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड आज (27 जनवरी) समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने के लिए तैयार है। इसके लागू होने से राज्य में व्यक्तिगत नागरिक मामलों से जुड़े सभी कानूनों में एकरूपता स्थापित होगी, जो जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव को समाप्त करेगी। उत्तराखंड समान नागरिक संहिता के अंतर्गत वसीयतनामा, उत्तराधिकार वसीयत और अन्य संबंधित दस्तावेजों के निर्माण एवं निरस्तीकरण के लिए एक व्यवस्थित ढांचा स्थापित किया जाएगा। यह अधिनियम उत्तराखंड राज्य के सम्पूर्ण क्षेत्र में लागू होगा और राज्य से बाहर रहने वाले निवासियों पर भी प्रभावी रहेगा। समान नागरिक संहिता उत्तराखंड के अनुसूचित जनजातियों और संरक्षित प्राधिकृत व्यक्तियों एवं समुदायों को छोड़कर सभी निवासियों पर लागू होती है।

CM Dhami Govt creates history: Uniform Civil Code in Uttarakhand

संविधान के अनुच्छेद 44 में यह उल्लेखित है कि देश "भारत के सम्पूर्ण क्षेत्र में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास करेगा। उत्तराखंड में यूसीसी अब लागू होने के लिए तैयार है। आज 27 जनवरी को संविधान के अनुच्छेद 44 के तहत उत्तराखंड में यूसीसी को लागू होने जा रहा है। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मुख्य उद्देश्य विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत से जुड़े व्यक्तिगत कानूनों को सरल और एकीकृत करना है। इसके अंतर्गत केवल उन व्यक्तियों के बीच विवाह किया जा सकता है, जिनमें से किसी का भी जीवित जीवनसाथी नहीं हो, दोनों ही कानूनी रूप से विवाह के लिए मानसिक रूप से सक्षम हों।

UCC की ख़ास बातें

शादी के लिए पुरुष की आयु कम से कम 21 वर्ष और महिला की आयु 18 वर्ष हो चुकी हो, और वे निषिद्ध संबंधों की श्रेणी में न आते हों। इस अधिनियम के लागू होने के बाद होने वाले विवाहों का 60 दिनों के भीतर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
सभी धर्मों में बच्चों को गोद लेने का अधिकार मिलेगा। लेकिन दूसरे धर्म के बच्चे को गोद नहीं लिया जा सकेगा।
उत्तराखंड में हलाला जैसी प्रथा भी बंद हो जाएगी। उत्तराधिकार में लड़कियों को लड़कों के बराबर की हिस्सेदारी होगी।
लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन कराना कपल के लिए अनिवार्य होगा। वहीं अगर कपल 18 से 21 साल के हैं तो उन्हें रजिस्ट्रेशन के दौरान अपने माता-पिता का सहमति पत्र भी देना होगा। लिव-इन रिलेशन से पैदा होने वाले बच्चे को भी शादीशुदा जोड़े के बच्चे की तरह ही अधिकार मिलेगा।

इतिहास रचने को तैयार धामी सरकार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 यानि आज से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने जा रही है, जिससे उत्तराखंड स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बनेगा जहां यह कानून प्रभावी होगा। यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिसमें अधिनियम की नियमावली को स्वीकृति और संबंधित अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है। यूसीसी के माध्यम से समाज में समानता स्थापित होगी और सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और दायित्व सुनिश्चित किए जाएंगे। समान नागरिक संहिता प्रधानमंत्री जी द्वारा देश को विकसित, संगठित, समरस और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों में हमारे प्रदेश द्वारा दी गई एक महत्वपूर्ण योगदान है। इस संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है।