उत्तराखंड हल्द्वानीLand fraud of Rs 22 lakhs with an army jawan in Haldwani

हल्द्वानी: सेना के जवान के साथ साढ़े 22 लाख की ठगी, IAS दीपक रावत ने डीलर पर दर्ज किया मुकदमा

हल्द्वानी में जमीन दिलाने के नाम पर आर्मी के जवान से 22.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है, प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ आईएएस दीपक रावत ने मुकदमा दर्ज कराया है..

Land fraud with Jawan: Land fraud of Rs 22 lakhs with an army jawan in Haldwani
Image: Land fraud of Rs 22 lakhs with an army jawan in Haldwani (Source: Social Media)

हल्द्वानी: हल्द्वानी में जमीन खरीद-फरोख्त के मामले में लगातार धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं। जमीन दिलाने के नाम पर आर्मी के जवान से 22.50 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के निर्देश पर पुलिस ने प्रापर्टी डीलर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोप है कि प्रापर्टी डीलर ने जमीन के रुपये लेने के चार साल तक रजिस्ट्री नहीं की और लंबे समय से टालमटोल की जा रही है।

Land fraud of Rs 22.5 lakhs with Army Jawan in Haldwani

जनपद नैनीताल के ग्राम बड़ौन निवासी किशन सिंह चिलवाल ने बताया कि वह जम्मू कश्मीर में आर्मी में तैनात हैं। साल 2020 में ग्राम हरिपुर कुंवर आनंदपुर हल्द्वानी निवासी जीवन सिंह पडियार से उनकी मुलाकात हुई। जीवन ने खुद को प्रापर्टी डीलर बताया और कई बीघा जमीन दिखाई, तब जीवन ने बताया कि वह जमीन बेचने का काम करता है। जो जमीन दिलाई गई, उसे अपना बताया। विश्वास में आकर आर्मी जवान ने जमीन का सौदा 22.50 लाख रुपये में कर लिया। साल 2020 में उन्होंने प्रापर्टी डीलर को पूरे रुपए दे दिए, लेकिन प्रापर्टी डीलर ने आज तक जमीन की रजिस्ट्री नहीं की। पहले कोरोनाकाल होने के नाम पर टालमटोल किया गया और बाद में फोन उठाना भी कम कर दिया।

IAS Deepak Rawat के जनता दरबार में की शिकायत

उन्होंने इसकी शिकायत कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के जनता दरबार में पहुंचकर की थी। हल्द्वानी कोतवाल उमेश कुमार यादव ने बताया कि कुमाऊं कमिश्नर के निर्देश पर प्रापर्टी डीलर के विरुद्ध धोखाधड़ी की धारा में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जम के हो रहा लैंड फ्रॉड

जमीन धोखाधड़ी संबंधित धोखाधड़ी के कई मामले कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के जनसुनवाई में आ चुके हैं। जहां कुमाऊं कमिश्नर के निर्देश पर कार्रवाई भी हुई है। उसके बावजूद जमीनी धोखाधड़ी के मामले कम नहीं हो रहे हैं।