उत्तराखंड देहरादूनDG Education issued letter for action against 156 teachers

उत्तराखंड: 156 अस्वस्थ शिक्षक जबरन होंगे रिटायर, शिक्षा महानिदेशक ने जारी किये कार्रवाई के आदेश

महानिदेशक झरना कमठान ने शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ प्रारम्भिक शिक्षकों के सम्बन्ध में 156 शिक्षकों की सूची के साथ पत्र जारी कर निर्देश दिए हैं। 9 जिलों के 156 शिक्षकों पर ये गाज गिरी है

Forced retirement: DG Education issued letter for action against 156 teachers
Image: DG Education issued letter for action against 156 teachers (Source: Social Media)

देहरादून: पौड़ी गढ़वाल के 73, देहरादून के 57, हरिद्वार के 6, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और टिहरी के 2-2, चमोली के 7, नैनीताल के चार और उधमसिंह नगर के एक शिक्षक, जो लंबे समय से बीमारियों से जूझ रहे हैं, को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त किया जाएगा। स्वास्थ्य कारणों के चलते इन शिक्षकों को सेवा से मुक्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

DG Education issued letter for action against 156 teachers

दरअसल, महानिदेशालय ने पत्र द्वारा अक्टूबर 16, 2024 को प्रारम्भिक शिक्षा के अन्तर्गत शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों की सूची जारी की थी, इस सूची में अंकित शिक्षकों के विरूद्ध सुसंगत शासनादेशानुसार कार्यवाही करते हुये कृत कार्यवाही की सूचना महानिदेशालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे। साथ ही इस सम्बन्ध में दूरभाष एवं विभागीय बैठकों में भी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया, 25 नवम्बर 2025 तक भी सम्बन्धित शिक्षकों के विरुद्ध अनिवार्य सेवानिवृत्ति के सम्बन्ध में की गयी कार्यवाही की सूचना अप्राप्त थी। इसके बाद महानिदेशक झरना कमठान ने शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ प्रारम्भिक शिक्षकों के सम्बन्ध में 156 शिक्षकों की सूची के साथ पत्र जारी कर निर्देश दे दिए। उत्तराखंड के 9 जिलों के 156 शिक्षकों पर ये गाज गिरी है, लंबे समय से गंभीर बीमारियों से ग्रसित ये शिक्षक अब जबरन रिटायर किए जाएंगे।

  • विभागीय कार्रवाई के लिए शिक्षकों की सूची

    letter for action against 156 teachers
    1/ 4

    ..

  • Page -2

    letter for action against 156 teachers
    2/ 4

    ..

  • Page-3

    letter for action against 156 teachers
    3/ 4

    ..

  • Page-4

    letter for action against 156 teachers
    4/ 4

    प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षा विभाग के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रावत ने कहा कि गंभीर बीमारियों से जूझ रहे शिक्षकों को पहले से ही इलाज और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जबरन रिटायरमेंट का आदेश उनकी मुश्किलों को और बढ़ा देगा। उन्होंने यह भी बताया कि इन शिक्षकों में से अधिकांश अपने कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी से निर्वहन कर रहे हैं। यदि शिक्षा विभाग ने इस फैसले पर पुनर्विचार नहीं किया, तो आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।