चम्पावत: कोर्ट ने तीन साल बाद पॉक्सो एक्ट के मामले में अपना निर्णय सुनाया है। जिसके तहत आरोपी न्यायलय में दोषी सिद्ध हो दिया गया है, अब उसे 20 वर्ष का कठोर कारावास मिला है और साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
Brother-in-law gets imprisonment for amateur fatherhood
लोहाघाट थाने में वर्ष 2021 में जिला समन्वयक चाइल्ड हेल्पलाइन चंपावत ने शिकायत दर्ज कराई कि पीड़िता पिछले दो वर्षों से अपनी बहन के साथ रह रही थी। पीड़िता की बहन के देवर ने लगभग नौ महीने पहले नाबालिग पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपने घर में शारीरिक संबंध बनाए जिससे पीड़िता गर्भवती हो गई। परिजनों को जब इसके बारे में पता चला तो उनके होश उड़ गए। नाबालिग की तबियत ख़राब होने लगी और उन्होंने फिर डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने गर्भवती होने की पुष्टि की।
नाबालिग ने साल 2020 में दिया बच्चे को जन्म
फिर वर्ष 2020 में नाबालिग ने हल्द्वानी के एक अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया। मामला एक नाबालिग से जुड़ा होने के कारण चाइल्ड हेल्पलाइन नैनीताल ने संज्ञान लेते हुए इसे चंपावत में संबंधित अधिकारियों को रेफर कर दिया। पूरे मामले में लोहाघाट थाना पुलिस ने आरोपी रोहित के खिलाफ धारा 376 और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तीन साल की प्रक्रिया के बाद, विशेष सत्र न्यायाधीश अनुज कुमार संगल ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 20 साल की कठोर कारावास और 25 हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया है। अर्थ दंड न चुकाने पर अतिरिक्त 3 महीने की सजा भुगतनी होगी।