रुद्रप्रयाग: केदारनाथ मंदिर निर्माण को लेकर चल रहे विवाद के बीच पहली बार श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक जितेंद्र फुलारा ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि हम किसी भी नाम का प्रयोग नहीं कर रहे हैं और उत्तराखंड में चल रहे विवाद के संदर्भ में हमसे अब तक किसी ने संपर्क नहीं किया है। इस विवाद का हमारे काम और हमारे धाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
First Response from Kedarnath Delhi Dham Manager
इस विवाद को शुरू हुए आज तीन से चार दिन हो गए हैं और श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से इसपर कोई भी बयान नहीं आया था, लेकिन अब पहली बार उन्होंने इस पूरे विवाद पर चुप्पी तोड़ी है। श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर ट्रस्ट के प्रबंधक जितेंद्र ने बताया कि यह ट्रस्ट करीब 2 साल पुराना है। हमने कोई भी गलत काम नहीं किया है और पूर्व में भी पौराणिक मंदिरों की तर्ज पर देश की अलग-अलग हिस्सों में मंदिर बने हुए हैं। ऐसे में अब केदारनाथ धाम दिल्ली में बन रहा है तो किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भक्त अपनी आस्था के अनुसार ही दिल्ली के केदारनाथ धाम में दर्शन करेंगे और हिमालय में विराजमान भगवान शिव के केदारनाथ धाम मंदिर में भी दर्शन करेंगे। इस मंदिर के बनने से किसी की भी आस्था से खिलवाड़ नहीं किया जाएगा हम पूरी कानूनी प्रक्रिया से काम कर रहे हैं।
वर्ष 2026 तक केदारनाथ धाम मंदिर बनकर होगा तैयार
प्रबंधक जितेंद्र फुलारा ने बताया कि वर्ष 2026 तक दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर बनाए का लक्ष्य रखा गया है। हूबहू केदारनाथ धाम जैसा ही मंदिर दिल्ली में बनना बहुत मुश्किल का काम है लेकिन इसके लिए कोशिश की जाएगी। उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के मंदिर के पत्थर सैकड़ों साल पुराने हैं और वह जिस शैली में बना है, वह आज के समय में बनाना संभव नहीं है। लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि हम दिल्ली को एक उत्कृष्ट धार्मिक स्थल प्रदान करें। उन्होंने जानकारी दी कि ट्रस्ट से अभी तक करीब 300 लोग जुड़ चुके हैं और अन्य भी आस्था के साथ ट्रस्ट से जुड़ रहे हैं। मंदिर बनाने के लिए हमने जिस कम्पनी को कार्य सौंपा है उनके अनुसार स्टीमेट के आधार पर इसमें 12 करोड़ का खर्चा आएगा वर्तमान समय के अनुसार, भविष्य में यह बढ़ भी सकता है।
विवाद पर बोले ट्रस्ट प्रबंधक जितेंद्र फुलारा
उत्तराखंड में चल रहे विवाद को लेकर जितेंद्र फुलारा ने बताया कि अभी तक हमारे पास इस तरह का कोई विवाद नहीं आया है। लेकिन कुछ लोग जो राजनीति कर रहे हैं, उनकी खबरें हम तक पहुंच रही हैं। ऐसा पहली बार नहीं है कि कोई मंदिर बन रहा हो। हरीश रावत के कार्यकाल में भी महाराष्ट्र में बदरीनाथ मंदिर बनाया गया था और आज अगर केदारनाथ मंदिर दिल्ली में बनाया जा रहा है तो उस पर राजनीति करना गलत है। उत्तराखंड में स्थित ज्योतिर्लिंग बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधीन आता है, लेकिन हमारा ट्रस्ट श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर के नाम से है। इसलिए इसपर किसी भी तरह का विवाद होने की सम्भावना नहीं होनी चाहिए।
जानिए मंदिर के साथ और क्या बनेगा ?
दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर की वेबसाइट पर केदारनाथ धाम की तस्वीर का साथ-साथ लोगों से डोनेशन की अपील भी की जा रही है और विशेष आकर्षण में बताया है कि मंदिर के आसपास एक विशाल सत्संग हॉल, शिव कथा नाटक रूपांतरण, नंदी बाबा का विशाल स्वरूप, योगा सेंटर, पांडवों द्वारा बनाया गया केदारनाथ का इतिहास, म्यूजिक हाल, हजार लोगों के लिए ठहरने की व्यवस्था और प्रसाद वितरण के लिए भी अलग से सुविधा होगी।