उत्तराखंड चम्पावतMansi Becomes Judge In Chhattisgarh

उत्तराखंड: प्रधानाध्यापक दम्पति की बेटी बनी छत्तीसगढ़ में जज, दीजिए बधाई

उत्तराखंड की बेटी ने जज बनकर पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है, उनकी मेहनत और समर्पण से उन्हें आज यह उपलब्धि हांसिल हुई है।

Mansi Bisht becomes judge: Mansi Becomes Judge In Chhattisgarh
Image: Mansi Becomes Judge In Chhattisgarh (Source: Social Media)

चम्पावत: मानसी ने दून से लॉ की पढाई की है, उनकी इस सफलता के बाद सोमवार को मानसी का उत्तरांचल विश्वविद्यालय में भव्य स्वागत किया गया, वे एक राष्ट्रीय स्टार की खिलाड़ी भी रह चुकी हैं।

Mansi Becomes Judge In Chhattisgarh

यदि आपके सपनों की उड़ान ऊँची है तो हर पल खुद को बेहतर बनाने का प्रयास कीजिए। उत्तराखंड की बेटी ने जज बनकर साबित किया है कि मेहनत, समर्पण और साहस के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उनकी सफलता ने न केवल उन्हें, बल्कि पूरे प्रदेश को गर्वान्वित किया है और उनकी सफलता आने वाली पीढ़ी के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा। उत्तरांचल विश्वविद्यालय कुलाधिपति जितेंद्र जोशी ने कहा, मानसी ने उपलब्धि से विवि के साथ-साथ पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है।

माता-पिता हैं प्रधानाध्यापक

मानसी मूलरूप से चंपावत जिले के लोहाघाट की रहने वाली हैं और उनके माता-पिता दोनों ही स्कूल प्रधानाध्यापक हैं, जबकि भाई मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है। मानसी पढाई के साथ-साथ वॉलीबाल नेशनल प्लेयर भी रह चुकी हैं। मानसी ने राष्ट्रीय खेलों की डिस्कश थ्रो प्रतियोगिता में स्वर्ण और भाला फेंक में रजत पदक प्राप्त किया है। इसके अलावा उन्होंने वॉलीबाल व एथलीट में विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व भी किया है। उन्होंने बताया की उनका सपना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए खेलना था और उनके शिक्षकों के सही मार्गदर्शन और कड़ी मेहनत से जज का सपना भी पूरा हो गया।

सफलता की टिप्स

मानसी ने छात्रों को न्यायिक सेवा में सफलता के टिप्स देते हुए उन्होंने कहा, प्रारंभिक परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम से संबंधित बेयर एक्ट को बार-बार पढ़ना और वैकल्पिक प्रश्नों का अभ्यास करना आवश्यक है और कहा कि मुख्य परीक्षा के लिए लॉ के साथ-साथ भाषा, सामान्य ज्ञान व संबंधित राज्य की स्थानीय विधि की जानकारी होना भी जरूरी है।