उत्तरकाशी: सुदूर पहाड़ी इलाकों में आज भी आय का मुख्य साधन खेती, भेड़पालन, दुग्ध व्यवसाय है। खासतौर पर भेड़पालन यहां के लोगों की आजीविका का मुख्य जरिया है।
More than 300 sheep died in Purola
लेकिन अब उत्तरकाशी के पुरोला क्षेत्र के भेड़पालकों पर रोजी रोटी का संकट मंडरा रहा है। पुरोला विधानसभा क्षेत्र में आय का मुख्य साधन बागवानी और भेड़ पालन है। पिछले दिनों क्षेत्र के भेड़ पालक अपनी भेड़ों को चराने के लिए देहरादून के रायपुर क्षेत्र में आए थे। यहां पर उनकी 300 से अधिक भेड़ों की किसी अज्ञात बीमारी के चलते मौत हो गई। आगे पढ़िए
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अक्सर परमिट लेकर उत्तरकाशी के भेड़ पालक देहरादून में अपनी भेड़ों को चराने के लिए आते रहते हैं। इस बार न जाने कौन सी अज्ञात बीमारी की चपेट में भेड़ बकरियां आ गई। इसके बाद से भेड़ पालकों पर रोजी रोटी का संकच मंडरा रहा है। उत्तरकाशी के पुरोला विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक दुर्गेश लाल ने भेड़ पालकों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के त्वरित निदान की बात कही है। विधाक दुर्गेश लाल का कहना है कि Purola Sheep Death विषय को लेकर प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा से भी मुलाकात की है। जल्द ही वो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात कर उचित मुआवजा देने की मांग करेंगे।