हरिद्वार: पर्वतीय क्षेत्रों में जहां बाघ-गुलदार के हमले की घटनाएं बढ़ रही हैं, तो वहीं मैदानी क्षेत्रों में आवारा कुत्ते आतंक मचाए हुए हैं।
Stray dogs bit 777 people in Haridwar in 20 days
हरिद्वार में अप्रैल से सितंबर तक छह महीने में करीब 7 हजार लोग कुत्ते के काटने पर इंजेक्शन लगवाने जिला अस्पताल पहुंचे। 5 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक के केसों की बात करें तो कुत्तों ने 777 लोगों को काट खाया। ये आंकड़े सरकारी अस्पताल के हैं, जबकि निजी अस्पतालों में भी लोग बड़ी तादाद में अपना इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले जिला अस्पताल में हर दिन करीब 30 मरीज पहुंचते थे, लेकिन अब हर दिन 40 से ज्यादा लोग कुत्ते के काटने पर इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। महज 20 दिन में ऐसे 777 केस सामने आए हैं। आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर नगर निगम क्या कर रहा है, ये भी जान लेते हैं।
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नगर निगम का दावा है कि 17 मई से अभी तक 800 आवारा कुत्तों को एबीसी सेंटर में लाकर उनकी नसबंदी एवं रेबीज रोधक इंजेक्शन लगवाकर उन्हें वापस छोड़ा गया। निगम क्षेत्र में सर्वे के अनुसार क्षेत्र में साढ़े छह हजार आवारा कुत्ते हैं। हैरानी वाली बात ये है कि यहां कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस लेने की व्यवस्था सख्ती से लागू नहीं है। नगर पालिका के समय यहां घरों में कुत्ता पालने के लिए लाइसेंस इश्यू किया जाता था, लेकिन नगर निगम बनने के बाद से एक भी लाइसेंस पालतू कुत्ता रखने को नगर निगम से जारी नहीं किया गया गया। हरिद्वार में अप्रैल में कुत्ते द्वारा काटे जाने के 1347, मई में 1244, जून में 1133, जुलाई में 974, अगस्त में 1000, सितंबर में 1158 केस सामने आए। आवारा कुत्तों की समस्या सिर्फ हरिद्वार में ही नहीं है। प्रदेश के दूसरे जिलों में भी आवारा कुत्ते दहशत का सबब बने हुए हैं, लेकिन प्रशासन मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा।