उत्तराखंड नैनीतालHarak Singh Rawat Corbett tree cutting CBI investigation

हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ना तय, हाईकोर्ट ने इस मामले में दिए CBI जांच के आदेश

कॉर्बेट पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ कटान मामले की सीबीआई जांच के आदेश, हरक की मुश्किलें बढ़ना तय

Harak Singh Rawat cbi investigation : Harak Singh Rawat Corbett tree cutting CBI investigation
Image: Harak Singh Rawat Corbett tree cutting CBI investigation (Source: Social Media)

नैनीताल: विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़ने वाले पूर्व वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं।

CBI investigation against Harak Singh Rawat

कॉर्बेट पार्क में अवैध निर्माण और पेड़ काटे जाने के मामले में अब हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इससे पूर्व वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत समेत कई आईएफएस अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ना तय है। इस मामले में पूर्व आईएफएस किशन चंद जेल जा चुके हैं। कॉर्बेट पार्क में अवैध पेड़ कटान व निर्माण के मामले में याचिकाकर्ता अनु पंत ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर सीबीआई जांच की मांग की थी। अब हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायाधीश आलोक वर्मा की खंडपीठ ने यह फैसला दिया। अभी इस मामले की जांच विजिलेंस कर रही है। कुछ दिन पहले विजिलेंस ने पूर्व मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। आगे पढ़िए

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इस दौरान हरक सिंह रावत के बेटे के मेडिकल कॉलेज और पेट्रोल पंप में भी छापेमारी की गई। विजिलेंस ने पूर्व मंत्री हरक के प्रतिष्ठान से दो जेनरेटर बरामद किये थे। पूर्व में वन मंत्री रह चुके हरक सिंह रावत पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। पाखरो टाइगर सफारी निर्माण के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूलन (एनजीटी) की कमेटी ने भी तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, तत्कालीन डीएफओ कालागढ़ किशनचंद समेत कई अन्य अफसरों पर सवाल उठाए। रिपोर्ट में कहा गया कि वहां स्वीकृत 163 पेड़ से ज्यादा पेड़ काटे गए हैं। इसके अलावा कई जगह बिना वित्तीय और पर्यावरणीय स्वीकृति के ही अवैध निर्माण कर दिए गए। इसके लिए अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ ही तत्कालीन वन मंत्री डॉ. हरक सिंह को भी जिम्मेदार बताया गया है। अब हाईकोर्ट ने मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। याचिकाकर्ता अनु पंत ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर सीबीआई जांच की मांग की थी।