उत्तराखंड हल्द्वानीStray bull attack in Haldwani

हल्द्वानी में आवारा सांडों का आतंक, हमले में मौत का जिम्मेदार कौन, सवाल पर अफसर मौन

हल्द्वानी में आवारा पशुओं का आतंक: सांड के हमले में मौत का जिम्मेदार कौन? सवाल पर अफसर मौन

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Image: Stray bull attack in Haldwani (Source: Social Media)

हल्द्वानी: हल्द्वानी में आवारा पशुओं का आतंक लगातार बढ़ता ही जा रहा है।

Stray bull attack in Haldwani

यहां बीती फरवरी, अप्रैल और जुलाई में आवारा सांडों ने तीन लोगों की जान ले ली, और न जाने कितने ऐसे लोग हैं जो कि सांड के हमले में गंभीर रूप से घायल हुए हैं, बावजूद इसके सरकारी विभाग चुप हैं और उनके पास इसका कोई जवाब नहीं है और हर कोई चुप्पी साध के बैठा हुआ है। गौर करने वाली बात यह है कि वन्यजीवों के हमले में घायल और मृतकों का पूरा रिकार्ड रखने के साथ वन विभाग मुआवजा भी देता है। लेकिन शहरी क्षेत्र में नई समस्या बन चुके आवारा पशु अगर किसी के जीवन को खतरा पहुंचाएं तो उपचार कराने के पैसे भी जेब से भरने पड़ते हैं। ऐसे में हल्द्वानी के लोगों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। हल्द्वानी में अवारा पशुओं खासकर सांडों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय लोग समस्या के समाधान के लिए ज्ञापन देने के साथ धरना-प्रदर्शन भी कर चुके हैं लेकिन विभाग इसका समाधान खोजने में फिलहाल असमर्थ नजर आ रहे हैं। लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है। आगे पढ़िए

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इसका समाधान इन सभी आवारा सांडों को गौशाला में भेजा जाना है। मगर स्थायी समाधान के लिए सरकारी तंत्र को धरातल पर उतरना पड़ेगा। गोशाला के निर्माण के लिए प्रयास करने होंगे, जमीन मिलेगी और शहर इस समस्या से बाहर आ सकेगा। मगर इसका निजात तो तब मिलेगा जब नगर निगम इसको लेकर सीरियस होगा। हालत तो यहां तक आ गए हैं कि नगर निगम के पास आवारा पशु से हुई मौतों का कोई डाटा ही मौजूद नहीं है। नगर निगम के पास अवारा जानवरों से हमले में घायल लोगों का रिकार्ड नहीं है। न ही आवारा पशुओं से भी मौत का कोई मुआवजा तय किया गया है। कुल मिलकर हल्द्वानी में चौपट राजा वाला हिसाब है, सरकारी विभाग सुन नहीं रहे और एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं जिससे लोगों की जान पर बड़ा रिस्क बना हुआ है।